नई दिल्ली: राम मंदिर का मुद्दा राजनीतिक लड़ाई का केंद्र बन चुका है। राजकोट में आयोजित दो दिन के हिंदू आचार्य सभा के आखिरी दिन शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी समेत कई साधु संत पहुंचे. मोहन भागवत, अमित शाह ने अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा की.
राममंदिर निर्माण पर हुई चर्चा
यह जानकारी बैठक में हिस्सा लेने वाले धार्मिक नेताओं ने दी. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद से 210 किलोमीटर दूर राजकोट में दो दिवसीय हिंदू आचार्य सभा बैठक में मौजूद भागवत और संतों ने स्पष्ट रूप से कहा कि मंदिर का निर्माण मई 2019 से पहले शुरू हो जाना चाहिए.
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हिंदू आचार्य सभा में हिस्सा लेने बिहार से पहुंचे स्वामीनाथ आचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मोहन भागवत का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर था, राम मंदिर है और राम मंदिर वहीं बनेगा. राम मंदिर के विषय में इस सभा में बातचीत की गई. हालांकि 2019 के चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा या नहीं इस पर कोई भी साधु संत कुछ भी कहने से बचता रहा.
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गौरतलब है कि हिंदू आचार्य सभी हर दो साल पर एक बार आयोजित की जाती है. इस बार यह राजकोट में आयोजित की गई है. इसमें हिस्सा लेने पहुंचे अविचलदासजी महाराज का कहना है कि, इस धर्म सभा में आचार्य सम्मेलन, कुंभ के लिए आमंत्रण और राम मंदिर के बारे में बात हुई है.
धर्म सभा में राममंदिर के मुद्दे के साथ-साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर भी खुल कर चर्चा हुई. हालांकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब बीजेपी राममंदिर के मुद्दे पर फूंक-फूंक कर रणनीति बनाने में लगी है ताकि इसका फायदा 2019 के चुनाव में मिल पाए.