लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण करीब-करीब खत्म होने की ओर है। ऐसे में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राजनीतिक दलों की गतिविधियां दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे में जारी उठा-पटक के बीच एके शर्मा यानी अरविंद कुमार शर्मा का नाम चर्चा में बना हुआ है। भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य (MLC) एके शर्मा को प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है।
पीएम मोदी के विश्वासपात्र हैं एके शर्मा
1988 बैच के गुजरात कैडर के पूर्व आइएएस एके शर्मा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की घनिष्ठता किसी से छिपी नहीं है। भाजपा एमएलसी शर्मा को पीएम मोदी का विश्वासपात्र माना जाता है। आज हम आपको पीएमओ ऑफिस में उनकी महत्वपूर्णता के बारे में बताने जा रहे हैं…।
एके शर्मा ने प्रधानमंत्री कार्यालय में तीन जून को ज्वाइंट सेक्रेटरी का कार्यभार संभाला और इसके बाद 22 जुलाई, 2017 को उन्हें अपर सचिव बना दिया गया। 30 अप्रैल, 2020 को एके शर्मा को MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज़) मंत्रालय में सचिव बना दिया गया।
केंद्र में चर्चा में रहा एके शर्मा का कार्यकाल
एके शर्मा के केंद्र में आने के बाद का कार्यकाल भी बहुत चर्चा में रहा। जिन प्रोजेक्ट्स में प्रधानमंत्री मोदी की खास रुचि होती थी, उनमें अरविंद कुमार शर्मा को सीधे जोड़ा जाता था। वर्ष 2019 में एके शर्मा ने केंद्र सरकार के 100 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश में प्लान को डिज़ाइन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे जुड़े मंत्रालयों में भी उनकी सीधी दख़ल होती थी।
चर्चाएं तो ये भी हैं कि एके शर्मा का मेयार इतना बुलंद था कि वह काम निकालने के लिए सीधे केंद्रीय मंत्रियों को फ़ोन लगा देते थे। अरविंद कुमार शर्मा की कार्यशैली को देखते हुए ही प्रधानमंत्री ने कोरोना लॉकडाउन में उन्हें एमएसएमई मंत्रालय में सचिव बना दिया। इस भरोसे पर वह खरे उतरे और बेहतर काम करके दिया।
VRS लेकर भाजपा में हुए शामिल
गौरतलब है कि अरविंद कुमार शर्मा ने इसी वर्ष VRS लिया और फिर 14 जनवरी को लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद विधान परिषद सदस्य (MLC) बनाए गए। हालांकि, सियासी गलियारों में अब उन्हें उत्तर प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं और कयास जारी हैं।