- भारत खबर || नई दिल्ली
हाथरस गैंगरेपHathras Gangrape प्रकरण में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसे सुनकर स्तब्ध रह गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि JNMC द्वारा हाथरस गैंगरेप पीड़िता के प्रकरण की जांच की जा रही थी। जेएनएमपी की जांच की रिपोर्ट में पीड़िता पर किसी विशेष बल का प्रयोग किया गया है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात नहीं हुई है। जेएनएमसी JNMC का कहना है कि पीड़िता की रिपोर्ट में पर बल व प्रवेश के संकेत मिले। डॉक्टरों की जानकारी के मुताबिक सूचना के मुताबिक यह पता चला है कि Hathras Gangrape पीड़िता की जांच की रिपोर्ट में किसी भी प्रकार से वीर्य नहीं पाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि “प्रवेश और संभोग के बारे में राय एफएस रिपोर्ट की लंबित उपलब्धता के अधीन है। जेएनएमसी की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार योनि की पूरी पैठ थी, पीड़िता के शरीर में वीर्य भी नहीं पाया गया था।
बताते चलें की जेएनएमसी के फोरेंसिक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. फैज अहमद द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में के अनुसार Hathras Gangrape पीड़िता के शरीर में किसी भी प्रकार के वीर्य की पुष्टि नहीं की गई है। उन चारों पुरुषों पर यौन उत्पीड़न का जबर्दस्ती आरोप लगाया जा रहा है।
इसी के साथ साथ जेएनएमसी केन्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष एमएफ हुदा ने आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित किया था, कि लड़की गंभीर हालत में है और उसने “Dying Declaration के लिए मजिस्ट्रेट” की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था। इसके चलते नमूनों की जांच के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेज दिया गया था। डॉक्टर की रिपोर्ट का यही कहना है कि Hathras Gangrape पीड़िता के साथ किसी भी प्रकार का दुष्कर्म नहीं किया गया है।
डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट में लड़की के शरीर में वीर्य के कोई भी लक्षण नहीं पाए गए रिपोर्ट के अनुसार लड़की की मौत मारपीट के कारण हुई है व आरोपियों पर जबरदस्ती दुष्कर्म का आरोप लगाया जा रहा है।