भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष जब से यूपी के असंतोष की रिपोर्ट लेकर दिल्ली गए हैं, तब से संगठन से सरकार तक खलबली मची हुई है। सूत्रों की मानें तो यह तय हो गया है कि पार्टी योगी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। अलबत्ता, दायें-बायें कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।
मगर नेताओं के समर्थक हैं कि मौके की नजाकत भुनाने से बाज नहीं आ रहे। हालिया मामला वित्तमंत्री सुरेश खन्ना से जुड़ा है। ट्विटर पर अयूब अली आरटीआई नाम के शख्स ने ट्वीट किया, शाहजहांपुर की शान उत्तर प्रदेश के संसदीय एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना जी यूपी के अगले मुख्यमंत्री होंगे। शाहजहांपुर के लोगों में खुशी की लहर।
मेरा नाम लेकर जो प्रचार किया जा रहा है, ये बहुत ही घटिया शरारत है, इसको तत्काल बंद किया जाये। https://t.co/EoMLdsk0Rq
— सुरेश कुमार खन्ना (@SureshKKhanna) June 4, 2021
अयूब अली के ट्वीट के कुछ ही देर बाद सुरेश कुमार खन्ना ने ट्वीट किया, मेरा नाम लेकर जो प्रचार किया जा रहा है, यह बहुत ही घटिया शरारत है, इसको तत्काल बंद किया जाए। सुरेश खन्ना के इस ट्वीट के बाद अयूब अली ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। मगर, अयूब अली का यह ट्वीट राजनीतिक गलियारों में काफी देर तक चर्चा का विषय बना रहा।
सबकी नजरें दिल्ली पर क्या होगा अब तक साफ नहीं
बीएल संतोष के तीन दिन के दौरे के बाद सबकी नजरें दिल्ली पर लगी हैं। केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश को लेकर क्या फैसला लेता है, हर कोई यह जानने को उत्सुक है। तमाम लोग अपने-अपने कयास भी लगा रहे हैं। मगर, बदलाव जैसी किसी संभावना के बारे में कोई भी खुलकर बात करने को तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि मोदी जी और अमित शाह के फैसले तभी सार्वजिक होते हैं जब वो चाहते हैं, ऐसे में इंतजार के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
योगी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी भाजपा, बदलाव नहीं
सूत्रों की मानें तो बीएल संतोष ने यूपी की रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दी है। इसके बाद यह तय हुआ है कि भाजपा संगठन और सरकार में कोई बड़ा फेरबदल नहीं किया जाएगा। आला कमान योगी सरकार के कामकाज के तरीके से खुश है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी बदले जाने के भी कोई संकेत नहीं मिले हैं।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर रहेगा पार्टी का जोर
पार्टी के नाराज मंत्री, विधायक और कार्यकर्ताओं की नाराजगी कैसे दूर हो, इस पर केन्द्रीय नेतृत्व ने मंथन शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में संगठनात्मक तौर पर तमाम बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लखनऊ से लेकर जिलों तक में इस बात की चर्चा है कि पार्टी नाराज लोगों को मनाने और उन्हें पूरे दमखम से चुनाव में जुटाने के लिए कुछ बड़े फैसले जरूर लेगी।