फतेहपुर: फतेहपुर की जनता ने इस बार जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने की ठान ली है। फतेहपुर के लोगों ने साफ कर दिया है कि रोड नहीं तो वोट नहीं। जिले के लोग इस बार जनप्रतिनिधियों से खासा नाराज नजर आ रहे हैं।
मामला हुसैनगंज विधानसभा क्षेत्र के पतारा गांव का है। यहां के लोगों को अब तक शहर को जोड़ने वाली अच्छी रोड नसीब नहीं हुई है। पतारा गांव के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
‘पहले सड़क, फिर वोट’ की सोच
यहां के लोगों ने वैसे तो इस नारकीय जीवन को अपना नसीब मान लिया था, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव आ रहे हैं। ऐसे में यहां के बाशिंदों में एक बार फिर से उम्मीद की किरण पैदा हुई है। गांव के लोगों ने साफ कर दिया है कि इस बार ‘पहले सड़क, बाद में वोट।’
चारपाई पर लिटाकर ले जाते हैं मरीज
आपको बता दें कि यहां के गांव को जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरीके से कच्चा है। इस सड़क पर ढेर सारे गड्ढे हैं। अगर यहां कोई बीमार पड़ जाता है तो उसके लिए एंबुलेंस नहीं आ पाती, जिससे लोगों को मरीज को चारपाई पर लिटाकर ही मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है। इस दौरान अगर मरीज को कुछ हो जाए तो इसकी कोई गारंटी नहीं है।
यही नहीं, इस गांव में न तो लोगों को घर मिले हैं और न ही शौचालय। यहां की नालियां न केवल टूटी पड़ी हैं, बल्कि पूरी तरीके से कच्ची भी हैं, जिनमें हमेशा गंदगी रहती है। इससे यहां संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना हुआ है।
ग्राम पर विधवा महिला से पैसे मांगने का आरोप
गांव की एक महिला के पति का कई साल पहले देहांत हो गया था, इसके बाद वो दर-दर भटकने को मजबूर हो गई। उसे न तो मकान मिला और न ही शौचालय। विधवा महिला ने बताया कि वह ग्राम प्रधान के पास गई थी, लेकिन प्रधान ने उससे पैसे की मांग की। उसने बताया कि वो बेहद गरीब है, ऐसे में वो पैसे का इंतजाम कैसे कर सकती है।
‘ग्रामीणों की बात नहीं सुनते ग्राम प्रधान’
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम प्रधान हम लोगों की बात सुनते ही नहीं हैं। इसके साथ ही गांव की सड़कें कच्ची होने के कारण बारिश के मौसम में गंदगी का साम्राज्य हो जाता है। इसकी वजह से गांव की बेटियां दो-दो महीने तक स्कूल नहीं जा पाती हैं।