केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ एक मिनी रत्न–I सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम वैपकॉस लिमिटेड के 50वें स्थापना दिवस के मौके पर कंपनी की जमकर तारीफ की। आपको बता दें कि मंत्री भारत के साथ-साथ अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 46 अन्य विकासशील देशों में जल संसाधन, विद्युत एवं सिंचाई के क्षेत्र में कथनीय सफलताएं हासिल करने के लिए कंपनी की सराहना की।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ एक ” मिनी रत्न–I सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम वैपकॉस लिमिटेड” ने आज नई दिल्ली में अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया। मंत्री ने कहा कि वैपकॉस ने यह भलीभांति दिखा दिया है कि किस तरह से अच्छी प्रौद्योगिकी और उचित लागत के संयोजन से अच्छे नतीजे हासिल किए हैं।
गडकरी ने कहा कि आज विकासशील विश्व को अभी कई और ऐसी प्रौद्योगिकियों की जरूरत है। जो प्रभावशाली और किफायती हों। इस तरह की आर्थिक दृष्टि से किफायती प्रौद्योगिकी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हम अब समुद्री जल का खारापन दूर करने के लिए सौर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने ईमानदारी, विश्वसनीयता और पारदर्शिता के साथ अपना कामकाज जारी रखने के लिए वैपकॉस को प्रेरित किया। ताकि उसके ग्राहकों के बीच सद्भाव एवं विश्वास पैदा हो सके। बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में और गहराई के साथ प्रवेश करने के लिए वैपकॉस से अनुरोध करते हुए श्गडकरी ने कहा कि उन्हें त्वरित जन परिवहन प्रणाली की दिशा में कार्य करना चाहिए।
गडकरी ने जो समय की मांग है।त्वरित जन परिवहन प्रणाली की दिशा में कार्य को समय की मांग बताया। वैपकॉस ने वर्ष 2017-18 के दौरान 1110 करोड़ रुपये की अब तक की सर्वाधिक सकल आय अर्जित की है। आज आयोजित कार्यक्रम में श्री गडकरी को वैपकॉस के सीएमडी श्री आर. के. गुप्ता द्वारा 50 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश चेक (लाभांश कर सहित) सौंपा गया।जो वैपकॉस के गठन के बाद से लेकर अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। 35 करोड़ रुपये के बोनस शेयर जारी करने के साथ ही पिछले आठ वर्षों के दौरान इस कंपनी की चुकता पूंजी 50 गुना बढ़ गई है।
आपको बता दें कि 2 करोड़ रुपये से बढ़कर 100 करोड़ रुपये। कंपनी की लाभप्रदता या मुनाफा वर्ष 2013-14 के 102.52 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 180 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। जो 75 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि को दिखाता है।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय में राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. सत्यपाल सिंह भी इस अवसर पर मौजूद रहे। कई देशों जैसे कि अफगानिस्तान, रवांडा, तंजानिया, सेनेगल, अंगोला, नेपाल, भूटान, कम्बोडिया, मोजाम्बिक, कांगो, बुरुंडी, लाइबेरिया, जिम्बाम्वे, लाओस, मलावी और मंगोलिया के राजदूत, उच्चायुक्त, मंत्रीगण और कई बुद्धजीवी मौजूद रहे।
महेश कुमार यदुवंशी