फतेहपुर। किसान हो या मजदूर, सरकार कोई भी हो वादे और घोषणाएं तो बहुत करती नजर आती हैं मगर अमली जामा पहनाने में बहुत दूर नजर आ रही रही। एक तरफ सरकार ने मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों के खातों में सीधे भुक्तान करने को कही हैं तो दूसरी तरफ मनरेगा के मजदूर अपने मेहनत का पैसा निकालने के लिए बैंक के चक्कर पे चक्कर काट रहे हैं जिनकी सुनने वाला कोई नहीं।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के असोथर विकास खण्ड क्षेत्र के फरीदा बाद टिकरी गाँव के मनरेगा मजदूरों ने आज सुकेती गाँव में स्थिति बैंक ऑफ बड़ौदा की ग्रामीण शाखा ब्रान्च में भारी मात्रा में एकत्र हुए। इन सभी ग्रामीणों का आरोप हैं की हमारे मजदूरी का पैसा हमारे खाते से नहीं मिल रहा। बैंक मैनेजर हम लोगो को बैंक से भगा देता हैं।किसी के घर में खाने को नहीं तो किसी के पास अपने बच्चे के इलाज के लिये पैसे नहीं। बैंक के अंदर और बैंक के बाहर अफरा तफरी का माहौल देखने को मिला।
वही इस बारे प्रधान पति ने बताया की बैंक से हमारे मजदूरों को मैनेजर भगा देता हैं उनका पैसा उनको नहीं मिल रहा हैं जब की हमने ब्लाक से लिस्ट भी निकला कर दिया की उनके खातों में यह पैसा भेज दिया गया हैं। इस बारे में जब बैंक मैनेजर से बात गयी तो उसका कहना हैं की अभी हमारे पास इनलोगो के अकाउण्ट में कोई पैसा नहीं आया यह सभी आरोप गलत हैं।
-मुमताज़ अहमद, फतेहपुर