नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और दिल्ली प्रदेश के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के बीच जारी गतिरोध के चलते हुई बैठक को दिल्ली पुलिस ने पूरी सुरक्षा के साथ संपन्न करवाया। बता दें कि दिल्ली प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली के अधिकारियों और दिल्ली सरकार के बीच कड़ी सुरक्षा के मद्देनजर बैठक हुई है। इस दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश सहित दिल्ली प्रदेश के अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए, इस दौरान कैबिनेट कक्ष के बाहर दो दर्जनसे ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे। अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि इस बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई गई है, लेकिन सरकार इस बात से इनकार कर रही है। दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच आगामी वित्त वर्ष बजट को लेकर बैठक का आयोजन किया गया था।
आपको बता दें कि इससे पहले अंशु प्रकाश ने सीएम को पत्र भेजकर कहा था कि वो इस बैठक में आने को तैयार है, लेकिन अब उनके साथ मारपीट तो नहीं होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को बीते सप्ताह अपने साथ हुई मारपीट की घटना की याद दिलाई और कहा कि उम्मीद करता हूं इस बैठक में मेरे साथ मारपीट नहीं होगी। अपनी चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि आज की बैठक में वे अपने दूसरे अफसरों के साथ शामिल होंगे और ये सभी अधिकारी ऐसा मानकर आ रहे हैं कि इस बैठक में उन पर कोई शारीरिक हमला या गाली-गलौज नहीं होगी। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इस बैठक में अफसरों के सम्मान के रक्षा होगी।
मुख्य सचिव ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि चूंकि मंत्रिमंडल की आज की बैठक बजट सत्र की तारीख तय करने और बजट पास करने से जुड़ी चीजों को लेकर की जा रही है, जो सरकार के कामकाज के लिए बेहद जरूरी है, लिहाजा वे इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। बैठक में अंशु प्रकाश के अलावा, गृह विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा व वित्त विभाग के प्रधान सचिव एसएन सहाय ने भी शिरकत की। ये तीनों अधिकारी जब बैठक में आए तो पुलिस वाले इनके साथ चल रहे थे और बैठक से निकलने के बाद भी सुरक्षाकर्मी इनके साथ थे।