नई दिल्ली। 6 सितंबर से भारत में फास्ट फूड की बड़ी कंपनी मैकडानल्ड्स के प्रोडेक्ट बेचने वाली सहयोगी कंपनी के उत्तर भारत और पश्चिम भारत के 169 आऊटलेटों पर अब ताला लग गया है। मैकडॉनल्ड्स की माने तो कनॉट प्लाट रेस्टोरेंट लिमिटेड के साथ उसका करार 5 सितंबर को खत्म हो गया है। जिसके बाद से अब वह उसके ब्रैंड नेम और ट्रेड मार्क का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। जिसके बाद उत्तर और पश्चिम भारत में चल रहे आऊटलेट अब बंद होने के साथ वहां पर काम कर रहे 7000 लोगों की जीविका पर भी संकट आ गया है।
इस मामले में बीते 5 सितंबर को नेशनल कंपनी ला अपैलेट ट्रिब्यूनल के साथ कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड ने बैठक कर अंतरिम राहत देने का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन ट्रिब्यूनल ने इससे इनकार कर दिया है। कंपनी के अधिकृत विक्रम बख्शी ने ट्रिब्यूनल से फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट रद्द करने के फैसले पर स्टे मांगा था लेकिन ट्रिब्यूनल की ओर से प्रस्ताव खारिज होने के बाद अब स्थिति ज्यादा संकट भरी हो गई है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बीते 21 अगस्त को ही मैकडॉनल्ड्स ने टर्मिनेशन लेटर जारी किया था, जिसकी मियाद 5 सितंबर को खत्म हो गई थी।
जिसके बाद अब कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड मैकडॉनल्ड्स के लोगो, ट्रेडमार्क, डिजाइन का उपयोग करने के अधिकारी नहीं रहे हैं। इस तरह से अब इनके ऑउटलेट्स बंद हो जायेंगे। जिसके बाद से लोगों को उनकी पसंद का बर्गर और फ्रेंच फ्राइस नहीं मिल सकेगी। हांलाकि ट्रिब्यूनल ने जहां बख्शी की कंपनी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। वहीं मैकडॉनल्ड्स कॉरपोरेशन को इस मामले में शो-कॉज नोटिस जारी किया है। जिसके बाद अभी बख्शी के पास एक मौका और मिल सकता है।