कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में हुई सांप्रदायिक हिंसा व दार्जिलिंग में चल रहे गोरखालैंड आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने की आशंका जताई है। शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ममता ने बशीरहाट हिंसा की न्यायिक जांच कराये जाने की घोषणा की।
इसके साथ ही दार्जिलिंग में चल रहे गोरखालैंड आंदोलन कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को हिंसा छोड कर बातचीत के जरिये मसला सुलझाने का प्रस्ताव देते हुए ममता ने कहा कि यदि मोर्चा हिंसा का रास्ता छोड दे तो सरकार उससे बातचीत करने को तैयार है।
दार्जिलिंग मामले को लेकर ममता ने केंद्र की मोदी सरकार पर असहयोगिता का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने खिलाफ विरोध करने वाली हर पार्टी को निशाना बना रही है। इसके लिए उन्होंने लालू के ठिकानों पर हुई छापेमारी का भी उदाहरण दिया। सीएम ने आरोप लगाया कि संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने जीएसटी जैसे मोदी सरकार के फैसलों की तुलना इंदिरा गांधी सरकार के नसबंदी अभियान से करते हुए ममता ने नोटबंदी को सबसे बड़ा फ्राड करार दिया। ममता बनर्जी ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का ही संगठन है।
केंद्र से सहयोग न मिलने के मुद्दे पर उन्होंने सीआरपीएफ की तैनाती का मुद्दा उठाया। ममता ने कहा कि कश्मीर जल रहा है, एमपी में किसान मर रहे हैं लेकिन बीजेपी हिंसा रोकने में सक्षम नहीं है। यह भी आरोप लगाया कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। बांग्लादेशी और भोजपुरी फिल्म के सीन को बंगाल का बताकर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया जा रहा है।