निर्मल उप्रेती (अल्मोड़ा)
देशभर में आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।तमाम शिवमंदिरों में दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। अल्मोड़ा के विश्वप्रसिद्ध शिव के धाम जागेश्वर में भी शिवरात्रि की धूम मची हुई है। यहाँ सुबह से ही पूजा पाठ के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी है। देश के विभिन्न राज्यो से आए भक्त यहाँ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक कर शिव की धुन में जमे हुए हैं। शिवरात्रि के अवसर पर जागेश्वर धाम का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि यहां शिव के मंत्र जाप से ही मृत्यु तुल्य संकट टल जाते हैं।
मंदिर के पुजारी केशव भट्ट ने बताया कि शिवरात्रि के अवसर पर जागेश्वर में भगवान शिव के दर्शनों और जलाभिषेक का काफी महत्व है। अन्य दिनों के मुकाबले शिवरात्रि में इसका लाभ हज़ार गुना ज्यादा मिलता है। आज के दिन यहाँ प्रातःकाल 4 बजे से रात के 12 बजे तक 4 पहर में पूजा होती है। जिसका अलग अलग महत्व है।
जागेश्वर धाम में शिवरात्रि के मौके पर महामृत्युंजय मंदिर में आयोजित होने वाले विशेष पूजा अर्चना के बारे में मान्यता है कि निसंतान महिलाओं की ओर से यहां की जाने वाली तपस्या का फल उन्हें जरूर मिलता है। शिवरात्रि के दिन तपस्या कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने वाली महिलाओं को शिवरात्री के दिन उपवास रखना होता है।
जिसके बाद ब्रह्मकुंड में स्नान और शाम की पूजा के बाद महिलाएं हाथ में गोबर और उसके ऊपर दीया रखकर रातभर खड़े रहकर भगवान भोले की आराध्या करतीं हैं। अगले दिन सुबह पूजा अर्चना के बाद पुजारी महिला के हाथ से दीए को उतारते हैं।