मुंबई। एक तरफ महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है तो वहीं महाराष्ट्र में खुले आम शराब की बिक्री होती है। महाराष्ट्र में शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के एक मंत्री ने विवादित बयान दिया है। राज्य के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री गिरिश महाजन ने महाराष्ट्र में शराब की ब्रिकी बढ़ाने को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा है कि राज्य में अगर शराब की बिक्री बढ़ानी है तो शराब कारखाने अपनी शराब का नाम महिलाओं के नाम पर रखें, ताकि इससे राज्य सरकार को फायदा हो सके।
मंत्री जी के इस बयान के बाद वो महिला संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। संगठनों ने राज्य सरकार से मंत्री का इस्तीफा मांगा है। बता दें कि मंत्री जी ने ये बयान नंदूरबार में सतपुड़ा शक्कर में एक फैक्ट्री के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान दिया। इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ ब्रांडस का उदाहरण देते हुए कहा कि सतपुड़ा शक्कर फैक्ट्री को अपनी शराब का नाम महाराजा के बजाए महारानी रखा है।
महाजन ने उदाहरण देते हुए कहा कि कोल्हपुर और सांगली के फैक्ट्रियों ने अपनी शराब का नाम जुली, भिंगारी और बॉबी रखा है और उसका व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। मंत्री के इस बयान के बाद राज्य में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। हालांकि, महाजन ने एक बयान जारी कर कहा है कि अपने 25 साल के राजनीतिक करियर में हुई पहली गलती के लिए माफी मांगने को तैयार है। सोशल एक्टिविस्ट परोमिता गोस्वामी ने मंत्री जी के खिलाफ चंद्रपुल जिले में एक शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने मांग की है कि मंत्री जी के खिलाप धारा 504 और 509 के तहत मामला दर्ज किया जाए।