मध्यप्रदेश सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अब सरकारी जमीनें प्राइवेट हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। ग्वालियर और रतलाम में करोड़ों रुपए की जमीनें प्राइवेट हाथों में सौंप दी जाएंगी।
MP: सरकार प्राइवेट हाथों में देगी सरकारी जमीन
मध्यप्रदेश सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अब सरकारी जमीनें प्राइवेट हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। ग्वालियर और रतलाम में करोड़ों रुपए की जमीनें प्राइवेट हाथों में सौंप दी जाएंगी। इसमें ग्वालियर में परिवहन विभाग के डिपो और उज्जैन जिले के तराना में परिसंपत्ति विभाग की जमीन शामिल है। दोनों जमीनों की कीमत करोड़ों रुपए में है।
रजिस्ट्री शुल्क देने पर दी जाएगी जमीन
भोपाल में शिवराज कैबिनेट की बैठक तय किया गया कि ग्वालियर में परिवहन विभाग की 65 करोड़ 11 लाख रुपए में 100% रजिस्ट्री की राशि जमा करने पर कामतानाथ कंस्ट्रक्शन को देने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा रतलाम के तराना में लोक परिसंपत्ति विभाग की जमीन 17 करोड़ 76 लाख रुपए में तराना डेवलपर्स को दी जाएगी। जिले में ही 2 करोड़ 32 लाख रजिस्ट्री शुल्क देने पर जमीन सद्गुरु इंटरप्राइजेज को देने की मंजूरी दी गई। इसके अलावा नवीन व नवीनकरण उर्जा विभाग द्वारा ओकारेश्वर में 600 मेगावॉट की फ्लोटिंग सौर पार्क व छतरपुर में 950 मेगावाट का सौर उर्जा पार्क बनाने की मंजूरी भी दी गई है।
विज्ञान प्रौद्यागिकी विभाग के अधीन जमीन देने का काम
मप्र में दूरसंचार सेवा प्रदाता, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को टावर लगाने में दिक्कत आती थी। अब जमीन देने का काम विज्ञान प्रौद्यागिकी विभाग के अधीन किया जाएगा। यह विभाग जमीन अलॉट करेगा इससे गांवों में टावर आसानी से लग सकेंगे। वहीं बैठक में इंदौर, जबलपुर, शाजापुर, आगर, मालवा व दमोह में पिछड़ा वर्ग कन्या व बालक छात्रावास निर्माण के लिए भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही यूक्रेन में फंसे प्रदेश के छात्रों को लेकर भी चर्चा की गई।