हरियाणा की सियासत में इन दिनों सिर्फ एक की मुद्दा छाया हुआ है कि क्या संदीप सिंह की कोच विवाद मामले में गिरफ्तारी हो सकती है?
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राजनीतिक हलकों से लेकर आमोखास की जुबान पर अब यही चर्चा है कि क्या जिस तरीके से ऐसे मामलों में आम आदमी की तो सीधे गिरफ्तारी है। लेकिन राजनीतिक प्रोटोकॉल होने के चलते एक प्रक्रिया के तहत ही उनकी गिरफ्तारी संभव है? हालांकि सवाल ये भी है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पूरे मामले पर 9 दिनों की चुप्पी के बाद बयान दिया है।
संदीप सिंह मामले में सियासी भूचाल कायम
हरियाणा सरकार के मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान पर एक महिला कोच ने यौन शोषण के संगीन आरोप लगाए हैं और ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसी बीच आज सुबह इस मामले पर सीएम मनोहर लाल ने आखिरकार 9 दिनों बाद चुप्पी तोड़ी और अपने मंत्री का बचाव करते हुए नजर आए।
आरोप लगाने से कोई दोषी साबित नहीं होता- सीएम
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और जूनियर महिला कोच के विवाद में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुप्पी ने तोड़ दी है। उन्होंने इस पूरे विवाद में कहा कि महिला कोच अनर्गल बयान दे रही है। आरोप लगाने से कोई दोषी साबित नहीं होता उसकी पुलिस छानबीन करती है। इसके बाद ही यह सिद्ध होता है कि जो आरोप लगाए गए हैं वह सही है या नहीं। साथ ही साथ सीएम ने ये भी कहा कि मंत्री को खेल विभाग से हटा दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा पुलिस की टीम भी तथ्यों को पता लगाने में जुटी है। उसके बाद जो भी सामने आएगा, उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे।
वहीं जहां पूरे हरियाणा में ये मामला गरमाया हुआ है तो विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने से आखिर कैसे चूक सकता है। महिला कोच सबसे पहले इनेलो नेता अभय चौटाला के पास अपनी पीड़ा लेकर पहुंची तो उनका बयान आना तो लाजमी था।
वहीं इसके बाद हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुधा भारद्वाज की प्रतिक्रिया आई सामने और उन्होंने संदीप सिंह के इस्तीफे की मांग की। बीते दिन उन्होंने हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को भी न्याय की मांग उठाते हुए ज्ञापन सौंपा।
संदीप सिंह को नहीं मिला अपने मंत्रियों का साथ !
वहीं संदीप सिंह की अपने पार्टी की करें तो उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा, जीते और मंत्री भी बन गए। हॉकी में उनकी उपलब्धियों को देख उन्हें खेल मंत्रालय सौंप दिया। लेकिन इस फैसले से कुछ सीनियर मंत्री नाराज भी हुए। यही वजह है कि जब वह महिला कोच के आरोपों से घिरे तो कैबिनेट के साथियों का भी साथ नहीं मिल पाया।
चलिए अब एक नजर दौड़ाते हैं कि अब तक इस पूरे मामले में क्या-क्या हुआ ?
26 दिसंबर को महिला कोच ने लगाए आरोप
26 दिसंबर को जूनियर महिला कोच ने खेल मंत्री संदीप सिंह पर छेड़खानी का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मंत्री ने सरकारी आवास में बुलाकर पैर पर हाथ रखा। उन्हें कहा कि मुझे खुश रखो तो मैं तुम्हें खुश रखूंगा। आरोपों के एक घंटे बाद ही मंत्री ने प्रेस कान्फ्रेंस कर आरोपों को खारिज कर दिया।
महिला कोच ने पुलिस को शिकायत दी
27 दिसंबर को संदीप सिंह के समर्थन में खेल विभाग की डिप्टी डायरेक्टर कविता ने प्रेस कान्फ्रेंस की। उन्होंने महिला कोच पर बदतमीजी के आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। वहीं महिला कोच ने पहले हरियाणा पुलिस मुख्यालय पहुंचकर DGP को लिखित शिकायत दी। फिर चंडीगढ़ पुलिस अफसरों से मिलकर मंत्री की शिकायत दी। चंडीगढ़ एसएसपी ने उसकी शिकायत को सेक्टर 26 थाने में कार्रवाई के लिए भेज दिया।
हरियाणा सरकार ने बनाई SIT
28 दिसंबर की शाम हरियाणा के DGP पीके अग्रवाल ने जांच के लिए 3 मेंबरों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बना दी। जिसमें रोहतक रेंज की ADGP ममता सिंह, पंचकूला के DCP समर प्रताप सिंह और ACP पंचकूला राजकुमार कौशिक को शामिल किया। इस पर मंत्री संदीप सिंह ने बयान दिया कि अब सब कुछ साफ हो जाएगा
मंत्री के खिलाफ केस दर्ज
31 दिसंबर को शुरूआती जांच में महिला कोच की बताई बातें सही लगी तो मंत्री के खिलाफ चंडीगढ़ के सेक्टर 26 पुलिस थाने में PC की धारा 354, 354ए, 354 बी, 342 और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया।
महिला कोच ने अनिल विज से की मुलाकात
वहीं 1 जनवरी को संदीप सिंह पर छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली कोच ने गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की है। यहां महिला कोच ने गृह मंत्री से मुलाकात कर खेल मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब खेल मंत्री सलाखों के पीछे होंगे तो और भी ऐसी महिलाएं सामने आएंगी, जिनको प्रताड़ित किया गया है।
संदीप सिंह ने छोड़ा खेल विभाग
चंडीगढ़ पुलिस ने 1 जनवरी को खुलासा किया कि मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इसकी भनक खेल मंत्री संदीप सिंह को लग चुकी थी। वह सुबह ही CM मनोहर लाल से मुलाकात करने पहुंचे। केस दर्ज होने की बात सार्वजनिक हुई तो संदीप सिंह ने कहा – मैंने खेल विभाग CM मनोहर लाल को सौंप दिया है। मेरी छवि खराब करने की साजिश हो रही थी। जांच हो रही है, CM जो फैसला लेंगे, मुझे मंजूर होगा।