लखनऊ: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अभी हाल ही में भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण घोटाले की बात कर रहे अभ्यर्थियों ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था। सोमवार को फिर उन्ही अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के आवास का घेराव किया। तड़के सुबह, सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों का जमावड़ा मंत्री के आवास पर पहुंचा और नारेबाजी की।
मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को शिक्षा मंत्री से मीटिंग का समय दिलाकर उनके सरकारी आवास से अभ्यर्थियों को हटा दिया।
बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचा अभ्यर्थियों का डेलिगेशन
दोपहर लगभग 12 बजे अभ्यर्थियों का एक डेलिगेशन (पांच लोग) बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी से मिलने पहुंचे। हालांकि, उन्हें आश्वासन के साथ ही बाहर आना पड़ा। भारतखबर.कॉम से अभ्यर्थियों ने बताया कि इस मुलाकात में उन्हें एक बार आश्वासन मिला है।
अभ्यर्थियों ने कहा, ‘मंत्री द्वारा हमसे चार दिन का समय मांगा गया है। मंत्री द्वारा इन चार दिनों में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को दिखवाया जाएगा। मंत्री ने कहा है कि इस भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई है लेकिन अगर कुछ गलत हुआ है तो उसमें सुधार होगा। अब हम सोमवार को फिर सतीश चंद्र द्विवेदी से मिलेंगे।’
क्या है कथित आरक्षण घोटाला?
अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया के छेड़-छाड़ की गई है। उन्होंने कहा है कि भर्ती में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 27 प्रतिशत के स्थान पर 3.86 प्रतिशत आरक्षण और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों 21 प्रतिशत के स्थान पर 16.6 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में इस बात को माना है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट में साफ़ है कि 5,844 सीटों (ओबीसी और एससी वर्ग) को अनारक्षित वर्ग दे दी गई हैं। इस भर्ती में 27 एवं 21 फ़ीसदी आरक्षण नहीं दिया गया है।