फतेहपुर: फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र में सुबह से कूड़ा जलना शुरू हो जाता है। इससे मार्ग पर निकलने वाले लोगों को सांस लेने में समस्या हो रही है। साथ ही सुबह से आवारा पशु और गौवंश इस कूड़े को खाते रहते हैं। ऐसे में नगर पालिका ना तो कूड़ा जलने से रोक पा रही है और न ही आवारा पशुओं पर नियंत्रण लगा पर ही है। यानी के विभाग को लोगों और जानवरों के सेहत की चिंता बिल्कुल भी नहीं है, तभी तो ऐसे मामले शहर भर में देखने को मिलते रहते हैं।
एनजीटी के नियमों का उल्लंघन
सुबह-सुबह सफाई कर्मी सड़क किनारे झाड़ू लगाकर कूड़े के ढेर लगाते हैं, लेकिन इस कूड़े पर कुछ ही देर में आग भी लग जाती है। अब आग सफाईकर्मी लगाता है या किसी से लगवाता है यह जांच का विषय है। लेकिन इन सबके बीच कूड़ा तो जलता ही है। ऐसे में जगह-जगह खुले में जल रहा कूड़ा न केवल एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर रहा है बल्कि प्रशासन के आदेशों का किस तरह पालन हो रहा है यह भी बता रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से आए दिन कूड़ा न जलाने के निर्देश जारी होते रहते हैं। साथ ही कूड़ा जलाने वाले पर कठोर दंड और जुर्माना लगाने को भी कहा गया है, लेकिन आपसी व्यवहार के चलते नगर पालिका कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसीलिए शहर के राधानगर, लोधीगंज, ज्वालागंज, आईटीआई सहित तमाम जगहों पर कूड़ा जलाया जा रहा है। इस कारण पहले से ही प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अभी तक खुले में कचरा जलाने पर किसी भी व्यक्ति या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
आवारा पशु खाते हैं कूड़ा
इसी तरह सुबह से आवारा पशुओं का झुंड भी कूड़े को खाता दिख जाएगा। सफाई कर्मचारी जिस कूड़े के ढेर को एक जगह एकत्रित करते हैं, वहां पर निराश्रित गौवंश पहुंच जाते हैं। उसी ढेर में मौजूद कूड़े और पॉलीथिन को खा कर अपना पेट भरते हैं। इससे न केवल उनके जीवन को खतरा होता है बल्कि मार्ग पर निकलने वाले लोगों को भी दुर्घटना का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।
ऐसी तमाम अनियमितताएं होने के बाद भी न तो आवारा पशुओं पर रोक लग रही है और न ही जलते हुए कूड़े को रोका जा रहा है। अधिकारी अपने कक्ष में बैठकर सफाई व्यवस्था और आवारा पशुओं के लिए काम कर रहे हैं। आखिर कब नगर पालिका के अधिकारी जिम्मेदारी को समझ एक्शन लेंगे यह तो समय बताएगा।