लखनऊ: राजधानी स्थित वीरांगना झलकारी बाई महिला एवं बाल चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. रंजना खरे पर उन्ही के स्टाफ द्वारा प्रतारणा का आरोप लगाया गया है।
दरअसल, चिकित्सालय में सीनियर नर्स मंजू सिंह ने ये आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है, ‘मैं यहां पर लगभग डेढ़ साल से कार्यरत हूं, जनवरी में मुझे यहां मैट्रन का कार्यभार सौंपा गया। सीएमएस द्वारा मुझसे कहा गया कि सभी कर्मचारियों का डाटा मैं रखूं, कौन उपस्थित है कौन छुट्टी पर है इसका लेखा जोखा मैं तैयार करूं। जब मैंने ऐसा किया और कर्मचारियों का वेतन कटा तो उन्हें मुझसे लड़ने के लिए भेज दिया गया।’
उन्होंने कहा है कि मेरे काम में शीर्ष नेतृत्व द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया है कि, ‘ ड्यूटी रोस्टर में मेरा नाम हटा दिया जाता है। मुझे बैठने की जगह नहीं दी जाती है। यहां पर मेरा बहिष्कार किया जा रहा है, जो भी मेरे साथ रहता है उनको भी धमकी दी जा रही है।’
सीएमएस कहती हैं मेरी पावर बहुत है: मंजू सिंह
मंजू सिंह का कहना है कि सीएमएस द्वारा मुझपर अत्यचार करवाया जाता है। अस्पताल में सब कुछ उन्ही के इशारे पर होता है और जब मैं उनसे कुछ कहती हूँ तो वे कहती हैं कि मेरी पावर का अंदाज़ा तुम्हे नहीं है।
मंजू सिंह ने कहा है कि लेबर रूम का सामान इधर उधर फेंका रहता है। जब मैं कुछ कहती हूं तो मुझसे लिखित में मांगा जाता है और लिखित में देने के बाद उसका जवाब नहीं मिलता है।
जांच कराने की मांग
अस्पताल की सीनियर नर्स ने प्रशासन से मांग कि है की यहां जांच हो। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य भवन को भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि यहां बच्चो के वार्ड में संविदा की लड़की को चार्ज दिया गया है। ये बिल्कुल गलत है क्योंकि सरकारी लोगों को ही इसका चार्ज मिलना चाहिए। इन सब बातों को मैंने लिखित में स्वास्थ्य भवन में दिया है। हालांकि, इसपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यहां जो मेरे बाद सिस्टर आईं हैं मुझे उनके अंडर काम करना पड़ रहा है। मेरी सीनियरिटी का कोई वजूद नहीं बचा है।
मैंने किसी को प्रताड़ित नहीं किया है: सीएमएस
वहीं झलकारी बाई वीरांगना महिला एवं बाल अस्पताल की सीएमएस ड़ॉ रंजना खरे ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि मैं किसी भी तरह से इनसब में संलिप्त नहीं हूं। मेरे द्वारा किसी का बहिष्कार नहीं किया गया है। ना ही मैंने किसी को इस तरह का कृत्य करने को कहा है।