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गीताप्रेसः सचित्र गीता की 2 महीने में ही बिक गई सभी पुस्तकें, जानें क्या है खासियत

गीताप्रेसः सचित्र गीता की 2 महीने में ही बिक गई सभी पुस्तकें, जानें क्या है खासियत

गोरखपुरः गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित सचित्र गीता की मांग इतनी अधिक बढ़ गई है कि दो महीने बाद ही इसका दूसरा संस्करण प्रकाशित करना पड़ रहा है। गीताप्रेस की ओर से पहली आर्ट पेपर पर सचित्र गीता प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक की मांग इस कदर बढ़ गई है कि इसका अब गुजराती वर्जन का भी प्रकाशन शुरू हो गया है। शनिवार यानी आज इसके प्रकाशन का काम पूरा हो जायेगा। जिसके बाद डिस्पैचिंग शुरू हो जायेगी।

दरअसल, गीताप्रेस ने प्रयोग के तौर पर पहली बार पिछले अप्रैल महीने में आर्ट पेपर पर सचित्र गीता की तीन हजार पुस्तकों का प्रकाशन किया था। इस किताब में 129 चित्र शामिल किए गए हैं। बड़ें व रंगीन अक्षरों में प्रकाशित इस गीता की मांग इतनी बढ़ गई है कि महज दो ही महीने में इसकी सभी पुस्तकें बिक गई हैं।

पाठकों की लगातार आ रही मांगों को देखते हुए प्रेस प्रबंधन ने इस महीने चार हजार प्रतियों का दूसरा संस्करण प्रकाशित करने का फैसला किया है। साथ ही इसी तरह की पुस्तक गुजराती भाषा में भी प्रकाशित करने का फैसला किया गया है। चार हजार प्रतियां गुजराती भाषा में भी प्रकाशित की जा रही हैं।

पुस्तक की खास बातें

ये पुस्तक संस्कृत-हिंदी में है। सभी श्लोकों के अर्थ साथ में ही लिखें हुए हैं। अभी तक गीता की पुस्तकों में अलग से चित्र लगाए जाते थे, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब चित्रों की छपाई पुस्तक के साथ हुई है। 224 पन्नों की इस पुस्तक में चार रंगों का प्रयोग किया गया है। पूरी पुस्तक आर्ट पेपर पर प्रकाशित की गई है। इसकी कीमत 250 रुपए हैं।

पूरी पुस्तक में कुल चित्रों की संख्या 129 है। गीताप्रेस से गीता का प्रकाशन 15 अलग-अलग भाषाओं में किया जाता है, लेकिन सचित्र गीता का प्रकाशन अभी सिर्फ संस्कृत, हिंदी और गुजराती में हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही सचित्र गीता का प्रकाशन भी अन्य भाषाओं में किया जायेगा।

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