लखनऊः देश में जारी बड़े स्तर पर धर्मांतरण के खेल में शामिल गुर्गों के खिलाफ यूपी एटीएस ने चार्जशीट पेश कर दी है। इस लिस्ट में सरगना उमर गौतम सहित जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख, सलाउद्दीन के नाम शामिल हैं। पुलिस और एटीएस ने अब तक इस मामले में कुल 10 लोगों की गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं बाकि अन्य आरोपियों के खिलाफ जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की जायेगी।
बड़े स्तर पर हो रहा था धर्मांतरण का खेल
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के जामिया नगर का रहने वाला मोहम्मद उमर गौतम पिछले काफी समय से धर्म परिवर्तन के खेल में एक्टिव था। गाजियाबाद स्थित वह अपनी इस्लामिक दावाह सेंटर संस्था और नोएडा की डेफ सोसायटी के जरिए दिव्यांग व आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को निशाना बनाता था। खासकर वह मूक-बाधिर किशोरों को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर, या फिर बलपूर्वक, लालच के जरिए उनका धर्म परिवर्तन करवाता था।
रची जाती थी साजिश
एडीजी ने बताया कि जिन लोगों को का अभी तक धर्म परिवर्तन कराया गया है, उन्हें कट्टर विचारधारा से जोड़कर उनके मूल धर्म के प्रति भड़काया जाता था। उनके पुराने धर्म के प्रति इतनी नफरत पैदा कर दी जाती थी, कि उनके पास इस्लाम कबूल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था। उन्होंने बताया कि ये गैंग जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है, वो पुनः अपने धर्म में वापस न जाए, इसके लिए बकायदा कार्यशालाएं आयोजित की जाती थीं और धर्मांतरण के लिए नियमित रुप से प्रशिक्षण भी दिया जाता था।
एडीजी प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उमर अपने गैंग के साथ अगल-अलग धर्मों के बीच आपसी वैमनस्य एंव कटुता को काफी तेजी से बढ़ाता था। पूछताछ में सामने आया है कि रेडिकलाइज्ड और धर्म परिवर्तन कर चुके व्यक्तियों को देश-विरोधी व अतिवादी विचारधारा से भी जोड़ा जा रहा था।
विदेशों से मिलता था फंड
उमर ने पुलिस को बताया कि उसे इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसा जुटाया जाता था। इसके लिए उनकी गैंग भारत में जनसंख्या संतुलन बदलने, धार्मिक विद्वेष फैलाने और अलग-अलग वर्गों में आपसी घृणा पैदा करने का काम किया जाता था। इस काम के लिए उमर गौतम और उसके गैंग विदेशों में बैठे सहयोगियों से धन लेते थे।