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4 करोड़ रुपये भगवान वेंकटेश्वर के लिए बने मुसीबत

3 1 4 करोड़ रुपये भगवान वेंकटेश्वर के लिए बने मुसीबत

तिरुमला। 500 और 1000 के नोटों को बैन किए हुए करीबन 4 महीने होने वाले है और इन चार महीनों में सरकार ने अपने दिशा निर्देश में कई बड़े बदलाव किए है। उन्हीं में से उसका जारी किया हुआ हालिया फरमान है इस समय भगवान के दर पर भी किसी मुसीबत से कम साबित नहीं हो रहा।

3 1 4 करोड़ रुपये भगवान वेंकटेश्वर के लिए बने मुसीबत

4 करोड़ के पुराने नोट बने मुसीबत:-

दरअसल तिरुमला में स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में लगी हांडी में बीते 2 महीनों के दौरान लोगों ने 4 करोड़ पुराने नोट दान किए है और ये सभी नोट पैसा बदलने की तारीख के बाद डाले गए जिसकी वजह से ये पैसा मंदिर के तिरुपति बालाजी मंदिर श्राइन बोर्ड के लोग काफी परेशान है। जानकारी के मुताबिक मंदिर प्रशासन ने सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को इस संबंध में पत्र लिखा है लेकिन अभी तक उनको कोई भी जवाब नहीं मिला है।

2 2 4 करोड़ रुपये भगवान वेंकटेश्वर के लिए बने मुसीबत

वहीं इस बात की पुष्टि करते हुए तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी डी संबाशिवा राव ने बताया कि पुराने नोटो की संख्या चार करोड़ है। बता दें कि पिछले काफी समय से श्रद्धालु आम तौर पर भी दानपात्रों में कैश के रुप में नोट चढा़ते थे और बाग में वो मंदिर की हुंडी में कैश के रुप में दान करने लगे।

गौरतलब है कि सरकार ने मार्च महीने की पहली तारीख को एक नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके अनुसार अगर अब किसी के भी पास 500 और 1000 के बंद नोटों की संख्या 10 से अधिक होगी तो उसे जुर्माना भरना होगा। कानून के तहत ऐसे लोगों पर कम से कम 10,000 रुपये देने का प्रावधान किया गया है।

फरवरी में पारित हुआ था कानून:-

दरअसल संसद में पिछले महीने या यूं कहे कि फरवरी में देनदारी दायित्व समाप्ति कानून 2017 पारित किया है। इस कानून को पारित करने का अहम मकसद बैन हो चुके 500 और 1000 नोटों का इस्तेमाल करते हुए समानान्तर अर्थव्यवस्था चलाने की संभावनाओं को खत्म करना है। इस कानून पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 27 फरवरी को हस्ताक्षर कर इसे कानूनी रुप दे दिया है। बता दें, 8 नवंबर को पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए 500 और 100 के नोटों को बंद करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था जिसके बाद केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की गई।

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