नई दिल्ली। विपक्ष के लगातार हंगामे के बाद आज संसद की कार्यवाही एकबार फिर से प्रभावित रही, विपक्ष ने एकबार फिर लोकसभा से वॉकआउट किया। राहुल गांधी ने संसद परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया कि सदन में पुराने नियमों को तार तार किया जा रहा है, नियमानुसार जब कोई सैनिक शहीद होता है तो उसके आत्मशांति के लिए प्रार्थना की जाती है, कल हमारे जवान शहीद हुए लेकिन आज उनके लिए हमारे नेताओं और भाजपा में कोई सहानुभूति नही है।
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि यह पहली बार है जब संसद में शहीद सैनिकों को सम्मान नहीं दिया गया। उनका आशय जम्मू शहर के करीब सेना के एक शिविर पर मंगलवार को हुए आत्मघाती हमले में शहीद होने वालों को लोकसभा में श्रद्धांजलि नहीं दिए जाने को लेकर था। राहुल ने कहा, “आज शायद पहली बार ऐसा हुआ, जब हमने अपने शहीद सैनिकों को सम्मान नहीं दिया। इसलिए हमारी पार्टी दूसरी विपक्षी पार्टियों के साथ लोकसभा से बाहर चली आई। राहुल नगरोटा में मंगलवार को हुए हमले में शहीद होने वाले सैनिकों को लोकसभा में बुधवार को श्रद्धांजलि नहीं दिए जाने को लेकर हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद संवाददाताओं से मुखातिब थे।
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। नायडू लोकसभा के 12 बजे तक स्थगित होने के बाद संसद के बाहर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।विपक्ष ने नगरोटा सैन्य शिविर में हुए आतंकवादी हमले और नोटबंदी को लेकर निचले सदन में जोरदार हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में आने के बावजूद कांग्रेस के नए और पुराने साथी सदन छोड़कर चले गए। मैं नहीं जानता कि वे सदन छोड़कर क्यों गए।”नायडू ने कहा, “सदन में उन्होंने नगरोटा आतंकवादी हमले से संबंधित प्रश्न उठाया और अध्यक्ष ने उन्हें बताया कि तलाशी अभियान जारी है और अभियान समाप्त होते ही शहीद जवानों को सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी। विपक्ष हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि देने की मांग कर रहा था। नायडू ने कहा, “कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के जवानों पर राजनीति कर रही है, जो बेहद दुखद और निदंनीय है। देश की जनता ऐसी राजनीति से नफरत करती है।नायडू ने कहा, “हमने यह भी कहा कि सरकार को श्रद्धांजलि देने में कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन सदन की प्रक्रिया का पालन किया जाना जरूरी है।”