अंतरिक्ष स्पेशल। आपने कई बार सुना होगा कि धरती पर बिजली गिर गई है, बादल फट गए है, तेज तूफान आदि की खबरें सुनने को मिल ही जाती है। लेकिन सौर मंडल में धरती ही नहीं बल्कि अन्य ग्रहों पर भी ऐसी गतिविधियां देखने को मिलती है। फिलहाल हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह ब्रहस्पति में ऐसा ही तूफान आया है। तूफानों और बिजली की मार झेल रहा ब्रहस्पति ग्रह की अमेरिका अंतरिक्ष ऐंजसी नासा ने कड़कती हुई बिजली और उमड़ते हुए बादलों की फोटो ली है। ये तस्वीरें सामान्य कैमरें के अलावा इंफ्रारेडए अल्ट्रावॉयलेट कैमरे से भी ली गई हैं।
ब्रहस्पति ग्रह पर कड़की दो तरह की बिजली-
बता दें कि हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह पर इस समय भयानक तूफान आया हुआ है। बादलों के चक्रवात बन रहे हैं, ताबड़तोड़ बिजलियां गिर रही हैं। इनकी बेहद हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। जूनो से प्राप्त तस्वीरों का अध्ययन करने पर पता चला कि यहां पर दो तरह की बिजलियां कड़क रही हैं। नासा के वैज्ञानिकों ने एक का नाम स्प्राइट दिया है। दूसरे का नाम एल्व्स दिया है। हैरानी की बात ये है कि ये बिजलियां ग्रह की सतह पर नहीं बल्कि वायुमंडल (Atmosphere) से ऊपर कड़क रही हैं। जिसकी वजह से अंतरिक्ष में रोशनी दिख रही है। स्प्राइट (Sprite) इतनी तेज कड़कती है जो सैकड़ों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में एक स्पॉट पर दिखाई देती है। जबकि, एल्व्स (Eleves) वायुमंडल के ऊपर सैकड़ों किलोमीटर में फैला हुआ दिखाई देता है। इसमें छोटे-छोटे स्पार्क दिखाई देते हैं। यानी इसके अंदर एकसाथ कई बिजलियां कड़कती रहती हैं। बादलों के नीचे और ऊपर की तरफ तेज रोशनी दिखाई देती है। नासा के वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया तो पता चला कि वायुमंडल के ऊपर मौजूद नाइट्रोजन कण दूसरे गैसों से टकरा कर इस तरह की क्रिया कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2016 से लेकर 2020 के बीच जूनो स्पेसक्राफ्ट ने बृहस्पति ग्रह पर 11 तेज और बेहद बड़ी बिजलियां गिरते हुए रिकॉर्ड किया। ये बिजलियां तीव्रता और क्षेत्रफल में काफी बड़ी थीं।
इन बिजलियों के कई तरह के दस्तावेज और प्रमाण- रोहिणी जिल्स
इन तूफानों, बिजलियों और बादलों पर अध्ययन की रिपोर्ट जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्चः प्लैनेट्स में छपी है। इसे लिखने वाली लेखिका और वैज्ञानिक रोहिणी जिल्स ने कहा कि हमारे पास इन बिजलियों के कई तरह के दस्तावेज और प्रमाण हैं। ये अद्भुत हैं। ये बिजलियां बृहस्पति ग्रह के सतह और वायुमंडल के सैकड़ों किलोमीटर ऊपर दिखाई दे रहे हैं। रोहिणी ने कहा कि जूनो स्पेसक्राफ्ट ने फिलहाल ये तस्वीरें बृहस्पति ग्रह से काफी दूर से ली हैं। जब ये और नजदीक जाएगा तो हमें ज्यादा बेहतर तस्वीरें मिलेंगी। हमे ज्यादा गहन अध्ययन करने का मौका मिलेगा। साथ ही बृहस्पति के वायुमंडल का अध्ययन करने में और मदद मिलेगी।