घड़े का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म एकदम दुरुस्त रहता है। मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया ही भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है जिससे हमारी कोशिकाओं को अपना काम करने के लिए जरूरी ईंधन मिल पाता है।
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मेटाबॉलिज्म स्लो होने पर कम भी खाते हैं तो वेट बढ़ता जाता है वहीं मेटाबॉलिज्म फास्ट होने पर आप जो कुछ भी खाते हैं आपका शरीर उसे अच्छी तरह हजम कर लेता है। जिस वजह से मेटाबॉलिज्म वजन कंट्रोल में रहता है।
मिट्टी अशुद्धियों को ग्रहण करने का काम करती है। तो मिट्टी के घड़े में जब पानी रखते हैं तो उसमें मौजूद हर तरह की अशुद्धियां घड़ा आसानी से सोख लेता है। जिससे पानी के जरूरी मिनरल्स बॉडी को बिना अशुद्धियों के मिल पाते हैं।
घड़े में रखे पानी का पीएच लेवल एकदम सही रहता है। मिट्टी के एसिडिक तत्व और पानी के तत्व मिलकर सही पीएच बैलेंस बनाते हैं जो शरीर को कई तरह के नुकसान से बचाते हैं। तो इस वजह से भी घड़े का पानी पीने की सलाह दी जाती है।
अगर शरीर में कहीं दर्द व सूजन जैसी समस्याएं अकसर परेशान करती है तो इसके लिए घड़े का पानी पीना चाहिए। यह अर्थराइटिस बीमारी में भी बहुत ही लाभकारी है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मिट्टी में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण कई तरह के दर्द व तकलीफों से राहत दिलाता है।
फ्रिज का पानी बहुत ठंडा होता है जिसे पीने से गले का तापमान एकदम से गिर जाता है। इसकी वजह से गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचात है साथ ही साथ गले में सूजन, थ्रोट इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं।