नई दिल्ली: एनडीए के मुख्य घटक दल में से एक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी गुरुवार को एनडीए से अलग होने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा इस बात का ऐलान गुरुवार को मोतिहारी में होने वाले खुले अधिवेशन में करेंगे. माना जा रहा है कि इसके साथ ही वह रालोसपा के महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान भी करेंगे.
इस नेता ने दिए संकेत
पार्टी महासचिव एवं प्रवक्ता माधव आनंद ने इस बात के संकेत दिए हैं. माधव आनंद ने कहा कि एनडीए में रहने के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है इस कारण पार्टी को ये फैसला लेना पड़ा है. उन्होंने थर्ड फ्रंट की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र के सत्ता संघर्ष में दो ही विकल्प है, या तो एनडीए या फिर यूपीए.
नीतीश सरकार को उखाड़ फेकनें का संकल्प
उन्होंने कहा कि रालोसपा ने नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है क्योंकि इनकी कथनी और करनी में अंतर है. नीतीश सरकार घोटाले की सरकार है और करप्शन, कम्यूलाइजेशन और क्राइम तीनों मोर्चों पर फेल है.
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रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि वाल्मीकिनगर में हुए दो दिनों के चिंतन शिविर में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अंतिम फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा है. इसमें राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी एवं जिला स्तर के पदाधिकारी भी निर्णय प्रक्रिया में शामिल रहे.
चिंतन शिविर की समाप्ति के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रालोसपा प्रवक्ता ने बिहार बीजेपी को जेडीयू की बी टीम बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार के सामने घुटने टेक दिए हैं. राममंदिर के मुद्दे पर माधव आनंद ने कहा कि जब-जब चुनाव आता है, तब-तब बीजेपी को राम मंदिर याद आता है. राम मंदिर के निर्माण में किसी पॉलिटिकल पार्टी की दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए.