नई दिल्ली। EVM वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ करके दिखाने की चुनाव आयोग की चुनौती में शामिल होने के लिए अभी तक किसी भी दल ने आवेदन नहीं किया है। चुनाव आयोग की ओर से एक्सपर्ट के नामांकन की आज आखिरी तारीख है और अब तक किसी पार्टी की ओर से कोई नामांकन नहीं हुआ है।
ईवीएम हैक करने का मौका उन्हीं राजनीतिक दलों को मिलेगा जो 26 मई यान आज शुक्रवार की शाम 5 बजे तक हैकाथॉन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने गुरुवार देर शाम को बताया कि अब तक किसी पार्टी ने किसी जानकार को ईवीएम चुनौती स्वीकार करने के लिए नामित नहीं किया है। बीती 20 तारीख को आयोग ने घोषणा की थी कि 3 जून से ईवीएम चैलेंज हो रहा है जिसके लिए 26 मई तक पार्टियां तान जानकारों को नामित कर सकती हैं।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक गुरुवार (25 मई) रात तक किसी पार्टी ने आवेदन नहीं किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और बसपा ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका जताई थी। उसके बाद कई अन्य दलों ने उनके स्वर में स्वर मिलाया।
आप ने बुधवार (24 मई) को आयोग से ईवीएम चुनौती के दौरान किसी तरह का दिशा-निर्देश तय नहीं करने को कहा क्योंकि पार्टी का मानना है कि मशीन को हैक करने की साजिश रचने वाला व्यक्ति चुनाव आयोग द्वारा तय किसी नियम का पालन नहीं करेगा। सात राष्ट्रीय और 48 क्षेत्रीय दल तीन जून को प्रस्तावित चुनौती में हिस्सा लेंगे।
चुनाव आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर सभी मान्यता प्राप्त राजनितिक दलों को ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने की चुनौती देते हुए ऐसा कर दिखाने को आमंत्रित किया।
आयोग के एक अधिकारी ने मंगलवार (23 मई) को बताया कि ईवीएम को हैक करने की 3 जून से शुरू हो रही चुनौती के लिये सभी सात राष्ट्रीय दलों और 49 राज्य स्तरीय दलों को आमंत्रित किया गया है। गत शनिवार (20 मई) को आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी करने के राजनीतिक दलों के आरोपों को खुली चुनौती दी थी।