नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कमांडर कुलभूषण जाधव को लेकर भारत बुद्धवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय हेग में एक मेमोरियल यानी निवेदन-पत्र दाखिल करेगा। जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत की कोशिशो की वजह से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। पाक के खिलाफ भारत की ओर से दाखिल मेमोरियल में भारक पाक के एक-एक झूठ को बेनकाब करेगा। इस मेमोरियल में भारत की ओर से कहा जाएगा कि किस तरह पाक ने कुलभूषण मामले में अतंरराष्ट्रीय नियमों की धज्जियां उड़ाई है।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय न्यायलय मे भारत एक बार फिर कुलभूषण मामले में राजनयिक एक्सेस दिए जाने की मांग करेगा और बताएगा कि किस तरह कुलभूषण से मिलने की इजाज़त न देकर पाकिस्तान सरेआम विएना समझौते का उल्लंघन किया है। भारत एक बार फिर यो बात दोहराएगा कि पाकिस्तान ने एक सुनियोजित साज़िश के तहत कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कराया है। पाकिस्तान की सेना के कोर्ट में सज़ा से पहले उसको कोई वकील भी मुहैया नहीं कराया गया और ना ही उसका पक्ष सही तरीके से सुना गया।
वहीं यह सब कहते हुए भारत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण की रिहाई की मांग करेगा। इसके बाद पाकिस्तान भी 13 दिसंबर को अपना मेमोरियल दाखिल करेगा। कोर्ट ने 16 जून को भारत को यह मेमोरियल दाखिल करने के लिए 13 सितम्बर और पाकिस्तान को 13 दिसंबर का दिन दिया था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज तक कह चुकी है कि पूरे देश की भावनाएं कुलभूषण जाधव के साथ जुड़ी है और उसको रिहाई के लिए भारत हर संभव कोशिश करेगा।