नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय अदालत में सोमवार को हुई सुनवाई में भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कुलभूषण यादव से मिलने के लिए वकीलों को वक्त नहीं दिया गया है। भारत का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि जाधव मामले में पाकिस्तान लगातार विरोध कर रहा और अवैध तरीके से जाधव को कैद किया हुआ है।
अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में क्या-क्या बोला भारत
-भारत ने कहा, जाधव के परिवार को पाक ने वीज़ा नहीं दिया, उनसे मिलने नहीं दिया, दबाव में लिया गया जाधव का कुबूलनामा।
-भारत ने कहा, भारत ने हेग में कहा, जाधव को ISI ने फंसाया, उनके माता-पिता की अपील तक नहीं सुनी गई।
-जाधव को भारत की ओर से लगातार कोशिशों के बावजूद कानून मदद दिए बिना ही फांसी की सजा सुना दी गई। जाधव के मां की भी अपील नहीं सुनी गई. दबाव में उनसे कबूलनामा लिया गया।
-दीपक मित्तल: पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने खुद जाधव के फांसी की सजा की जानकारी दी। इतने दिन बाद भी पाकिस्तान की ओर से भारत को या उनके परिवार को किसी चार्जशीट, इंक्वायरी पेपर आदि की जानकारी नहीं दी गई। उनके मां बाप को वीजा भी नहीं दिया गया।
-दीपक मित्तल: जाधव पर गलत आरोप लगाए गए। एक साल से भी ज्यादा समय तक उन्हें जेल में बिना किसी कानूनी सहायता के रखा गया।
11 जजों की बेंच
कुलभूषण मामले में 11 जजों की बेंच अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में सुनवाई कर रही है। दीपक मित्तल के अलावा वीडी शर्मा, हरीश साल्वे, काजल और चेतना राय भारतीय दल में हैं। इन सभी लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में भारत का पक्ष रखा है।
पाकिस्तान ने किया भारत पर वार
भारत का पक्ष रख रहे वकीलों के बाद पाकिस्तान ने वार करते हुए कहा कि जाधव कॉन्सुलर एक्सेस का हकदार नहीं है। भारत ने कानून और संधियों की लगातार हो रही अनदेखी के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
क्या है मामला
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान जांच एजेंसियों ने एक साल से ज्यादा वक्त से हिरासत में रखा है। पाक जांच एजेंसियों का आरोप है कि जाधव भारतीय गुप्तचर संस्था रॉ का एजेंट है और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पाक के खिलाफ विद्रोह करवाने की कोशिश कर रहा था। हाल ही में पाक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है।