IMA के पूर्व प्रेसिडेंट और पद्मश्री डॉक्टर केके अग्रवाल का बीती रात 11.30 बजे निधन हो गया। जिसके बाद से हर किसी के दिल में उनके खोने का गम है। कोरोना संक्रमित होने के बावजूद जिस तरह से उन्होने लोगों को लगातार कोरोना से बचने के इलाज बताए वो अपने आप में सराहनीय हैं।
Metabolic syndrome includes a cluster of conditions that increase the risk of heart disease, stroke and diabetes that can lead to sudden death in #COVID19
Watch warning signs and begin treatment on time! pic.twitter.com/7mDRpTw7Is— Dr K K Aggarwal (@DrKKAggarwal) May 4, 2021
इस वीडियो को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे कोरोना संक्रमित होने के बावजूद केके अग्रवाल नाक में ऑक्सीजन ट्यूब लगाए मरीजों की सेवा में जुटे हैं। ना सिर्फ वो लोगों को लगातार दवाई और उसको लेने की मात्रा को समझाते थे बल्कि जल्द ठीक होने के सुझाव भी दिया करते थे। वो बिना किसी लालच के कोरोना के इस काल में लोगों के मुफ्त इलाज में जुटे रहे, और आखिरकार लोगों की सेवा करते करते हम सबको छोड़कर चले गए।
दोनों डोज लेने के बाद भी हुई मौत
डॉ. केके अग्रवाल ने कोरोना की दोनों डोज ली थी, बावजूद उसके उनका कोरोना से निधन हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी कई वजहें हो सकती हैं, जिनसे टीकाकरण के बाद भी ऐसा हो सकता है। उनके मुताबिक हाल-फिलहाल में वैक्सीन लगवा चुके लोगों की जो मौतें हुई हैं उनकी पिछले साल से तुलना करें तो ये बात तो साफ है कि इस साल मृतकों की संख्या कम है। फेज 3 ट्रायल्स में डेथ रेट 0% माना गया था लेकिन जमीन पर हालात अलग नजर आ रहे हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनकी मौत हुई उनमें पर्याप्त ऐंटीबॉडीज न बनीं हो या फिर इन स्ट्रेन्स के खिलाफ वैक्सीन असरदार न हो।