नई दिल्ली। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक देश की राजधानी के गरम पारे के बीच हुई। इन दिनों देश का तापमान वातावरण के लिहाज से बढ़ा तो है ही साथ ही राजनीतिक तौर पर भी मिजाज गरम है। बैठक में केन्द्र सरकार की नीतियों के साथ जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी मंथन किया गया। इसके साथ ही देश में केन्द्र सरकार के विरोध में कैसे विपक्ष को एकजुट होना है इस रणनीति पर भी बातचीत की गई।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार पर बैठक में हमला बोलते हुए कहा कि कश्मीर के बिगड़े हालातों की जिम्मेदार केन्द्र की सरकार है। वहां की आवाम को अलग-थलग कर उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। आज कश्मीर के हालातों की जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और राज्य में भाजपा के सहयोग से बनी सरकार है। सरकार के विभाजनकारी एजेंडे ने घाटी में वर्षों किए गये कार्यों को बर्बाद कर दिया है। सरकार की गलत नीतियों के चलते कश्मीर जल रहा है। रोज सेना पर पत्थरबाजी होती है।
कश्मीर के हालात सरकार की नाकामी को साफ झलका रहे हैं। सरकार का असंवेदनशील रवैया वहां के युवाओं को फिर भटकाव की ओर ले जा रहा है। सरकार वहां के लोगों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर स्थानीय लोगों के साथ युवाओं को विरोधी बना रही है। सरकार की गलत नीतियों के चलते वहां पर बड़ी तादात में आम नागरिकों के साथ सेना के जवान मारे और घायल हो रहे है। हमने कश्मीर के हालत पर नजर रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में एक दल का गणन किया है।