आज का कश्मीर
स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर हमेशा से विवादों में रहा है… आजादी के बाद से ही कश्मीर में अनेक प्रकार के विवाद रहे… इन विवादों के चलते ही कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया… संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया… जिसकी वजह से कश्मीरी लोगों को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा… अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर कमजोर पड़ गया… अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर में कई मौतें भी हुई… कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान में भी विवाद चलता रहा है… कश्मीर को लेकर विवाद इतना था कि यह संयुक्त राष्ट्र तक भी पहुंचा लेकिन संयुक्त राष्ट्र विवाद को नहीं सुलझा सका…
भारत सरकार ने अनेकों बार इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका… अनुच्छेद 370 को हटाना जम्मू कश्मीर को भारत का एकीकरण बनाना भारत सरकार का प्रमुख मुद्दा रहा है… 2014 में बनी बीजेपी सरकार ने इस मुद्दे को लेकर प्रयास किए… इसी प्रयास के चलते जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को अलग-अलग राजनीतिक दलों का व्यापक समर्थन मिला… इसी के चलते 5 अगस्त 2019 को कश्मीर को 370 से मुक्त कर दिया गया… जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया… इससे केंद्र सरकार का पूरा आधिपत्य इन दोनों राज्यों पर हो गया…
तमाम तरह की सुरक्षा व्यवस्था केंद्र के अधीन आ गई साथ ही खुफिया सूचनाएं जुटाने का अधिकार भी केंद्र सरकार के पास आ गया… कश्मीर को लेकर इस तरह के मामलों में केंद्र का दखल हमेशा से ज्यादा रहा है लेकिन अब कमान पूरी तरह से हाथ में आ गई है…. अनुच्छेद 370 को हटाने का यह मतलब है कि जो नियम कायदा कानून भारत पर लागू होता है, वह अब जम्मू कश्मीर पर भी लागू होगा… देशभर में वंचित समुदाय समूहों- जिनमें महिलाओं को लेकर धार्मिक अल्पसंख्यक और ऐतिहासिक तौर पर पिछड़ा वर्ग शामिल है, को जो लाभ मिल रहा है वह जम्मू-कश्मीर के लिए भी होगा… अनुच्छेद 35a के खत्म होने से राज्य के किसी महिला के बाहरी शख्स से शादी करने पर विरासत में संपत्ति का अधिकार उनके बच्चों को मिलेगा…
अभी तक राज्य की महिलाओं को गैर कश्मीरी से शादी करने पर इस अधिकार से वंचित किया जा रहा था… 370 खत्म होने के बाद एक हद तक भेदभाव की खत्म हुए हैं… 370 हटाने के बाद अलगाववादियों की भी कमर टूट गई है… जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान लागू हो गया है… जम्मू कश्मीर का कोई अलग झंडा नहीं है… कश्मीर में अब तिरंगे का अपमान या उसे जलाना या नुकसान पहुंचाना संगीन अपराध बन गया है… जम्मू कश्मीर में देश के अन्य राज्यों के लोग अब जमीन खरीद रहे हैं… जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोगों की दोहरी नागरिकता समाप्त हो गई है.. जम्मू कश्मीर के दो टुकड़े कर दिए गए हैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख अब अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश हैं…
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 का खंड 1 अभी लागू है.. राष्ट्रपति द्वारा लागू किया गया था और राष्ट्रपति द्वारा ही से हटाया भी जा सकता है… अनुच्छेद 370 के खंड 2 और 3 भेदभाव से भरे थे… इन दोनों खंडों को समाप्त कर दिया गया है… जम्मू कश्मीर में विधानसभा है लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं है… मतलब जम्मू कश्मीर में राज्य सरकार बनेगी लेकिन लद्दाख में कोई स्थानीय सरकार नहीं होगी… जम्मू कश्मीर सरकार का कार्यकाल 5 साल का है… अन्य राज्यों के लोग अब जम्मू कश्मीर में नौकरी भी कर रहे हैं… अब तक जम्मू कश्मीर में केवल स्थानीय लोगों को ही नौकरी करने का अधिकार था…
अन्य राज्यों से जाकर बसे लोग भी वहां मतदान कर कर सकते हैं साथ ही अन्य राज्यों के लोग चुनाव भी लड़ सकेंगे… जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोग भी अब शिक्षा का अधिकार, सूचना के अधिकार जैसे भारत के हर कानून को लाभ उठा रहे हैं… अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू हो रहा है पहले जनहित में लिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले लागू नहीं होते थे…
https://www.bharatkhabar.com/pm-modi-is-talking-about-mind/
महिलाओं पर पर्सनल कानून बेअसर हो गया है… इस संशोधन से सबसे बड़ी राहत महिलाओं को मिली है संशोधन को जम्मू कश्मीर की महिलाओं की आजादी के तौर पर भी देखा जा रहा है दिल्ली की तरह जम्मू कश्मीर में मतदान की कानून व्यवस्था भी सीधे केंद्र क्या है हाथ में आ गई है गृह मंत्री, उप राज्यपाल के जरिए इसे संभालेंगे प्रशासनिक कार्यों के लिए जम्मू कश्मीर सरकार को अब केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर वहां तैनात उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी धारा 370 हटाने के बाद से जम्मू कश्मीर में शांति कायम है उन लोगों का जनजीवन आसान हो गया है 370 हटाने के बाद लोग एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं हमारा जन्म भारत का नागरिक होने के नाते उन्हें हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जा रही हैय़