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मौसम विभाग का काम करता है कानपुर में मौजूद ये मंदिर, रहस्य जानकर आप भी रह जायेंगे दंग

Kanpur Temple मौसम विभाग का काम करता है कानपुर में मौजूद ये मंदिर, रहस्य जानकर आप भी रह जायेंगे दंग

कानपुरः हमारे देश में कई ऐसे मंदिर और किले हैं जो विज्ञान जगत के लिए खोज का विषय बने हैं। ऐसे ही एक मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जो अपने आप ही मौसम विभाग का काम करता है। कानपुर जिले में स्थिति भगवान जगन्नाथ के ये मंदिर मानसून आने की पक्की खबर देता है।

Kanpur temple news: कानपुर का अनोखा जगन्‍नाथ मंदिर, जहां चमत्‍कारी पत्‍थर से टपकती पानी की बूंदें देती हैं मॉनसून का संकेत

चिलचिलाती धूप में जब मंदिर की छत से अचानक बूंदे टपकने लगती है तो माना जाता है कि बारिश होने वाली है। मानसून आने से ठीक 15 दिन पहले से इस मंदिर की छत के बूंदे टपकनी शुरू हो जाती है। कानपुर जिले से 50 किलोमीटर दूर भीतरगांव इलाके से ठीक तीन किलोमीटर दूर बेहटा गांव में ये मंदिर मौजूद है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा होती है।

वैज्ञानिक आज भी नहीं समझ पाए इसका राज

कहा जाता है कि कई बार पुरातत्व विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने इस मंदिर में गिरने वाली बूंदों की जांच-पड़ताल की। लेकिन, वह भी इसकी सच्चाई पता करने में असफल रहे। इस मंदिर के रहस्य को आज तक कोई भी सुलझा नहीं सका।

बूंदों के हिसाब से होती है बारिश

मंदिर के इतिहास को लेकर भी कई मत हैं, कई लोग कहते हैं कि ये मंदिर पांच हजार साल पुराना है तो पुरातत्व के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी के आस-पास किया गया था। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और बहन सुभद्र की मूर्ति है। इसके साथ इस मंदिर में भगवान पद्मनाभन की भी मूर्ति मौजूद है। स्थानियों की माने तो वह हर साल मंदिर की छत से टपकने वाली बूंदों को देखकर मौसम का अनुमान लगाते हैं।

Unique Jagannath Temple Of Kanpur - यहां भगवान जगन्नाथ को चढ़ जाता है  बुखार, पीते हैं काढ़ा और करते हैं एकांत प्रवास - Amar Ujala Hindi News Live

मंदिर के गुंबद से कम बूंदें गिरीं तो ये माना जाता है कि इस बार कम बारिश होगी, लेकिन जब तेज और ज्यादा बूंदें गिरीं तो ये माना जाता है कि इस बार खूब बारिश होगी। वहीं मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस बार बारिश कम होगी, क्योंकि दो दिन से छोटी बूंदें टपक रहीं हैं।

यहां भी निकलती है पुरी की तरह जगन्नाथ रथ यात्रा

पुरातत्व के आधीन इस मंदिर में भी पुरी के जैसी जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा निकाली जाती है।

मंदिर निर्माण को लेकर अलग-अलग धारणाएं

कानपुर में मौजूद इस मंदिर का निर्माण किसने कराया इसकी सटीक जानकारी तो किसी के पास उपलब्ध नहीं है। मगर, ग्रामीणों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माणा राजा दधीची ने कराया था। कहा जाता है कि प्रभु राम जब लंका से लौटे थे तो मंदिर के पास बने सरोवर में राजा दशरथ का पिंडदान किया था। जिसके बाद इस सरोवर रामकुंड कहा जाने लगा। वहीं कुछ लोगों का मत है कि इस मंदिर का निर्माण देवी-देवताओं ने किया था। जब देवताओं पर संकट आया था, उस वक्त 6 महीने की रात हुई थी, तब ये मंदिर बनाया गया था।

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