नई दिल्ली। अवमानना कार्यवाही नोटिस मिलने के बावजूद सोमवार को कोलकाता हाईकोर्ट के सिटिंग जज जस्टिस बीएस कर्णन कोर्ट में पेश नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने उन्हें दस मार्च तक कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। जस्टिस कर्णन ने चीफ जस्टिस को व्हाट्सएप पर लेटर भेजा जिस पर चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने आपत्ति जताई।
सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि जस्टिस कर्णन के व्हाट्स एप पर लेटर को देखते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के एक कार्यकारी जज के खिलाफ अवमानना कार्यवाही किया गया।गत दिनों जस्टिस करनन ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कई जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अवमानना मानते हुए करनन के खिलाफ सुनवाई का फैसला लिया।