नई दिल्ली। जेपी इन्फ्राटेक के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक राहत भरी खबर आई है। इसको दिवालिया घोषित करने के लिए की जा रही एनसीएलटी की ओर से कार्यवाही पर फिलहाल कोर्ट ने रोक लगा दी है। ये फैसला जेपी इन्फ्राटेक के साथ वहां पर फ्लैट के लिए बुकिंग कारने वाले निवेशकों के लिए एक राहत लेकर आया है। अब वहां पर बुकिंग कर फ्लैट की आश लगाए लोग राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से कानूनी मदद ले सकते हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर हो होनी है।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इन्फ्राटेक के साथ वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। इसके पहले आईडीबीआई बैंक ने बीते 9 अगस्त को एनसीएलटी से जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया रोकने का अनुरोध किया था। मौजूदा वक्त में इस रियल स्टेट कंपनी पर 526 करोड़ का लोन डिफाल्ट और करीब 40 हजार निवेशकों के फ्लैट की देन दारी है। जिन्होने अपनी गाढ़ी कमाई इनके प्रोजेक्टों में लगा रखी है।
बीते कई सालों से निवेशकों के साथ बैंक को भी अपने पैसे वापसी की राह देखनी पड़ रही है। इस मामले में कोर्ट से जहां इनको राहत मिली है। वहीं कुछ जानकारों की माने तो अब इस मामले में देखना ये भी जरूरी है कि निदेशक मंडल को भी कोर्ट ने बहाल किया है या नहीं । कोर्ट ने इस मामले में एक निवेशक की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले में केन्द्र, कंपनी के साथ यूपी सरकार और नोएडा ऑथारिटी को भी नोटिस जारी किया गया है।