Breaking News featured देश पंजाब

जिओ फ्री में आया, बाजार पर कब्जा कर लिया, वैसा ही है किसान बिल: बादल

harsimarat kaur badal जिओ फ्री में आया, बाजार पर कब्जा कर लिया, वैसा ही है किसान बिल: बादल
  • भारत खबर || नई दिल्ली 

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के मुताबिक, उन्होंने कई बार कहा कि ऐसा कोई कानून न लाया जाए, जो किसान विरोधी हो, लेकिन वे सरकार को इस बारे में मनाने में असफल रहीं। केंद्र सरकार की कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने हाल ही में कृषि विधेयकों के खिलाफ अपना इस्तीफा दे दिया और इसके बाद सब लगातार यह चर्चा चल रही है कि क्या कृषि विधेयक वाकई जनता के खिलाफ है किसानों के खिलाफ है।

शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने किसानों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि वह किसी भी तरह से अपनी सरकार को समझाने में अक्षम हो गई और उसके बाद उन्होंने किसानों के हित में यह फैसला लिया है। जानकारी देते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि आने वाले समय में निजी कंपनियां कृषि क्षेत्रों में भी अपना एकाधिकार कर लेंगे, पूजीपतियों का कब्जा किसानों के फसलों पर और कृषि क्षेत्र पर हो जाएगा जिससे हमारी किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है।

हरसिमरत कौर का मानना है कि उन्होंने कई किसानों से इसके बाबत बातचीत की है सभी का मानना यही है कि धीरे-धीरे करके उनके क्षेत्र में पूजी पतियों का कब्जा हो जाएगा। टेलीकॉम सेक्टर में जिओ का उदाहरण देते हुए बताया कि पहले निशुल्क डाटा देने के बाद अब पूरे बाजार पर जियो ने कब्जा कर लिया है।

उन्होंने मुकेश अंबानी की कंपनी जिओ की तुलना कृषि क्षेत्र की निजी कंपनियों से करके भारतीय जनता पार्टी के कान खड़े कर दिए हैं।  हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि, जब जियो आया था, तब फ्री फोन दिए गए। जब सभी ने इन फोनों को ले लिया, तो वे इन पर निर्भर हो गए। इसके चलते पूरी प्रतियोगिता ही खत्म हो गई और बाद में जियो ने अपने रेट बढ़ा दिए। किसान का कहना था कि कॉरपोरेट कंपनियां हमारे साथ करना चाह रही हैं।

हर कीमत पर मनाने में असफल रहीं हरसिमरत कौर बादल

केंद्रीय मंत्री का कहना है कि वह हर तरह से मोदी सरकार को मनाने के लिए बात करती रही लेकिन किसी भी कीमत पर सफल नहीं हो पाए, उन्होंने कहा कि साथ ही बिल पेश करने से पहले उनसे बातचीत करने की तरकीब भी सुझाई। हरसिमरत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा,मैंने कई बार कहा कि ऐसा कोई कानून न लाया जाए, जो किसान विरोधी हो। आप कैसे लोगों का नजरिया जाने बिना कुछ भी ला सकते हैं। मैंने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन मैं अपनी बात समझाने में विफल रही।

अध्यादेश का कई बार विरोध किया: उन्होंने बताया, अध्यादेश बनने से पहले जब ये मेरे पास आया था तो मैंने ये कहा था कि किसानों के मन में इसे लेकर दुविधाएं हैं। इन्हें दूर करना चाहिए और राज्य सरकारों को भी विश्वास में लेकर ही कोई कदम उठाया जाना चाहिए। ये विरोध मैंने मई में दर्ज किया। इसके बाद जून में जब अध्यादेश आया उससे पहले भी मैंने कैबिनेट में कहा कि जमीन स्तर पर किसानों में इस अध्यादेश को लेकर बहुत विरोध है। उनको विश्वास में लेकर ही कोई अध्यादेश आए। जब ये अध्यादेश कैबिनेट में पेश किया गया आया तब भी मैंने इसे पूरे जोरों से उठाया।

हरसिमरत कौर बादल ने कहा है क्या अध्यादेश आने से पहले उन्होंने किसानों से लगातार बातचीत की उसके साथ बैठकर कि जब संसद के झंडे में भी देखा गया तो उन्हें वह समझ गई कि पार्टी बातचीत का कोई समर्थन नहीं कर रही है और उन्हें विपक्ष के बयानों का कोई चिंता नहीं है।

 

Related posts

वर्धमान: मिशन बंगाल पर निकले जेपी नड्डा, बोले- ममता का जाना तय

Aman Sharma

स्मार्टफोन की मदद से साफ-सफाई पर रखी जाएगी नजर, जानिए कैसे

Aditya Mishra

वनडे सीरीजः 3 रिकॉर्ड बना सकते हैं विराट कोहली, सचिन का रिकॉर्ड खतरे पर

mahesh yadav