जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी बीच परिसीमन आयोग की टीम चार दिवसीय दौरे पर जम्मू कश्मीर पहुंच चुकी है।
मंगलवार को श्रीनगर पहुंची परिसीमन आयोग की टीम ने सर्वदलीय बैठक की। श्रीनगर में परिसीमन बैठक करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई। इस बैठक में जम्मू कश्मीर राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लेकिन पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पहले से ही परिसीमन आयोग से मुलाकात करने से इंकार कर दिया है।
इस तरह से रहेगा परिसीमन की बैठक का शेड्यूल
चार दिवसीय जम्मू कश्मीर के दौरे के दौरान परिसीमन आयोग दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के सियाहती मकान समेत चार जगहों पर जिला चुनाव अधिकारियों के साथ परिसीमन बातचीत करेगा। वहीं 7 जुलाई यानी कल दोपहर 12 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक आयोग श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, बांदीपोरा, बारामूला और कुपवाड़ा के डीईओ के साथ बातचीत करेगा। जबकि, किश्तवाड़, डोडा और रामबन के डीईओ के साथ आयोग 8 जुलाई को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस किश्तवाड़ में रात 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक बातचीत करेगा। वहीं बताया जा रहा है कि आयोग 9 जुलाई को रेडिसन ब्लू, जम्मू में जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, रियासी, राजौरी और पुंछ के डीईओ के साथ सुबह 09:30 बजे से 10 बजे तक बातचीत करेगा।
पीएम ने दिया था जल्द चुनाव करवाने का आश्वासन
24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाना ने जम्मू कश्मीर के नेताओं से मुलाकात की थी। इसी दौरान जल्द से जल्द चुनाव कराने का आश्वासन दिया था। पीएम मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर साफ किया था कि जम्मू कश्मीर में पहले परिसीमन होगा और उसके बाद चुनाव करवाएं जाएंगे। जिसके बाद परिसीमन आयोग चार दिवसीय जम्मू कश्मीर दौरे पर मंगलवार को यहां पहुंचा। इसकी अगुवाई आयोग की अध्यक्ष जस्टिस(रि.) रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं।
370 हटाने के 6 महीने बाद हुई थी स्थापना
2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और लद्दाख को अलग करके जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के 6 महीने बाद परिसीमन आयोग की स्थापना हुई थी। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, परिसीमन आयोग विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों का नक्शा तैयार करेगा। साथ ही आयोग पहली बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों को आरक्षित करेगा। वहीं जम्मू कश्मीर में परिसीमन का अमल शुरू होने के बाद ही विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू की जाएंगी।
परिसीमन क्या होता है?
संविधान के आर्टिकल 82 में कहा गया है कि हर 10 साल में जनगणना के बाद केंद्र सरकार परिसीमन आयोग बना सकती है। परिसीमन यानी सीमा का निर्धारण। परिसीमन आयोग ही आबादी के हिसाब से लोकसभा और राज्यसभा की सीटों को घटा बढ़ा सकता है। इसके साथ ही परिसीमन आयोग का काम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी को मद्देनजर रखते हुए उनके लिए सीटें रिजर्व करवाना भी है। अब जम्मू कश्मी में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में सीटों का आंकलन करने का काम परिसीमन आयोग कर रहा है। आयोग की रिपोर्ट के बाद ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाए जाएंगे।