अजमेर। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत कर कश्मीर में अमन चैन की दुआ मांगी और अकीदत के फूल पेश किए। मुफ्ती अजमेर ख्वाजा साहब की दरगाह दोपहर करीब डेढ़ बजे पहुंची जहां उनकी अंजुमन के सदर मोईन सरकार ने अगवानी कर दस्तारबंदी की और उन्हें जियारत कराकर तबर्रुक भेंट किया। इस मौके पर दरगाह कमेटी के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।
मीडिया की ओर से मुफ्ती से जम्मू कश्मीर में हिंसा और आतंकी घटनाओं के अलावा वहां पाकिस्तानी झंडे फहराए जाने से संबंधित सवाल पूछे गए। मुफ्ती ने सवालों को टालते हुए कहा कि वे अजमेर दरगाह शरीफ कश्मीर में अमन चैन की दुआ मांगने ही आई हैं। मुफ्ती से मीडिया ने उन लोगों पर जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर नाराजगी दर्शाई थी जो लोग पाकिस्तानी के झंडे फहराते हैं और हिन्दुस्तान के सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर बरसाते है।
बता दें कि इससे पहले अजमेर जिला प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती के अजमेर आगमन की सूचना पर सुरक्षा व शांति कायम रखने की दृष्टि से तमाम इंतजाम कर लिए थे। जिला मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने इस दौरान कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए थे जिनमें किशनगढ़ उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार चौधरी एवं तहसीलदार अरविंद कुमार शर्मा को किशनगढ़ एयरपोर्ट के लिए, रूपनगढ़ तहसीलदार रामकुमार टाडा को एयरपोर्ट से एमडीएस विश्वविद्यालय तिराहे के लिए, अजमेर उपखण्ड अधिकारी अंकित कुमार सिंह को एमडीएस विश्वविद्यालय तिराहे से अजमेर गेस्ट हाउस से दरगाह तक के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था।
वहीं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार सेंगवा को दरगाह जियारत के दौरान सम्पूर्ण दरगाह परिसर तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक डॉ. अनुपमा टेलर को अजमेर गेस्ट हाउस से दरगाह तक के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट लगाया गया था। मुख्यमंत्री महबूबा अपने तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर एक बजे किशनगढ़ हवाई अड्डे पहुंची जहां से वे 1.30 बजे दरगाह शरीफ जियारत करने पहुंची। जियारत के तुरंत बाद वे किशनगढ़ के लिए रवाना हो गई जहां से जयपुर प्रस्थान कर गईं।