हर साल की तरह इस साल भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाएगी। लेकिन सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इसके लिए कुछ शर्ते निरधारित कर दी है।
नई दिल्ली। हर साल की तरह इस साल भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाएगी। लेकिन सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इसके लिए कुछ शर्ते निरधारित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून के आदेश में बदलाव करते हुए कल सोमवार को जगन्नाथ यात्रा को हरी झंडी दे दी है। जगन्नाथ यात्रा के दौरान पूरे देश में कर्फ्यू लगाया जाएगा। ये कर्फ्यू सोमवार रात 8 से बुधवार 2 बजे तक लगाया जाएगा। कर्फ्यू प्रवेश के सारे गेट पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर लगाया जाएगा। जगन्नाथ यात्रा के एक रथ को सिर्फ 500 लोग ही खींच सकते हैं। जिसमें पुलिस कर्मी और अधिकारी भई शामिल हो होंगे। सभी का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा जो व्यक्ति कोरोना नेगिटिव होगा उसी को यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिलेगी।
बता दें कि 23 जून मंगलवार को पुरी में जगन्नाथ यात्रा निकाली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को इस यात्रा पर रोक लगा थी। कोर्ट ने कहा था कि कोरोना संकट के दौरान अगर इस यात्रा पर रोक नहीं लगाई गई तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। कोर्ट के इस फैसले के बाद कोर्ट में यात्रा को अनुमति दिलाने के लिए कई याचिकाएं दाखिल की गई। जिसके बाद कोर्ट को अपना फैसला बदल कर जगन्नाथ यात्रा को अनुमति दी गई। कोर्ट ने अपने 18 जून के आदेश में बदलाव किया और यात्रा को शर्तों के साथ अनुमति दे दी।
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वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी। तुषार मेहता का कहना है कि पुरी में निकाली जा रही ये यात्रा सालों पूरानी परंपरा हा जिसे रोकना ठीक नहीं है। ये लोगों की आस्था से जुड़ा मसला है। इसके बाद ओडिशा सरकार ने भी इजाजत देने का समर्थन किया था और कहा था कि सीमित ढंग से सुरक्षा के साथ रथयात्रा को अनुमति दी जा सकती है। पीठ ने कहा कि हमें इसकी इजाजत तो नहीं लेकिन पहले भी इस यात्रा के दौरान कॉलरा और प्लेग फैला था। लिहाजा सावधानी बरतना जरूरी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर यह सुनिश्चित हो सकता है कि लोग वहां एकत्रित नहीं होंगे तो फिर एक मंदिर से दूसरे मंदिर तक निश्चित रूट पर रथयात्रा निकाले जाने में कोई हर्ज नजर नहीं आता।
ये हैं कोर्ट की शर्ते
– पुरी शहर के सभी प्रवेश द्वार जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, रथयात्रा के दौरान बंद रहेंगे।
– प्रत्येक रथ को 500 से ज्यादा लोग नहीं खींचेंगे। कोरोना जांच में निगेटिव मिले लोगों को ही मिलेगी इजाजत
– यात्रा के तीनों रथों के बीच एक-एक घंटे का अंतराल होगा। शारीरिक दूरी का पालन करेगा।
– रथयात्रा निकालने की प्राथमिक जिम्मेदारी पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की इंचार्ज कमेटी की होगी।
– रथयात्रा के अनुष्ठान और यात्रा को इलेक्ट्रनिक मीडिया कवर कर सकता है। राज्य सरकार इसकी इजाजत देगी।
– आयोजन में राज्य सरकार जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार की मदद ले सकेगी।
– राज्य सरकार को रथयात्रा में भाग लेने वाले लोगों का रिकार्ड व मेडिकल जांच का ब्योरा रखना होगा।