नई दिल्ली। केंद्र के तीनो कृषि कानूनी विरोध प्रदर्शन जमकर जारी हैं , इसके चलते किसान पिछले करीब 70 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही राज्यसभा में भी कृषि कानूनों को लेकर बहस जारी हैं। आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से पूछा कि तीनो कृषि कानूनों में काला क्या हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री तोमर के इस बयान पर विपक्ष ने काफी हंगामा किया।
राज्यसभा में विपक्ष पर गरजे तोमर-
बता दें कि राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि किसानों को भड़काया जा रहा है कि उनकी जमीन चली जाएगी। कोई हमें बताए कि कानून के किस प्रावधान में किसानों की जमीन छीनने का जिक्र है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष और कानून संगठन बताएं कि इस कानून में काला क्या है? कृषि मंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया। इसके आगे कृषि मंत्री ने कहा कि कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है, पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है। कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में तथा 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने किसानो के हक़ में बताया ये कानून कही ये बाते-
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी हो, इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6 हजार करोड़ रुपये का योगदान दिया है। आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए यह कहा कि कांग्रेस सिर्फ खून से खेती करना जानती है, बीजेपी सिर्फ पानी से खेती करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के कानून में किसान जेल जा सकता है, लेकिन हमारे कानून में ऐसा कुछ नहीं है, किसान जब चाहे इस कानून से अलग हो सकता है।