लखनऊ। देश में कोरोना का प्रकोप इतनी तेजी से फैल रहा है कि सभी इससे बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। सरकार भी इससे निपटने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है। कोरोना के चलते सरकार ने सभी पब्लिक प्लेस को बंद कर दिया है। साथ ही सभी धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया है ताकि भीड़ जमा न होने पाए। बड़े इमामबाड़े में स्थित शाही आसिफी मस्जिद के 200 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते शुक्रवार को जुमे की नमाज नहीं होगी। इमाम ए जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने नमाजियों की सुरक्षा के चलते नमाजे जुमा दो शुक्रवार तक स्थागित कर दी है।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिलाधिकारी ने बड़ा इमामबाड़ा स्थित भूल-भुलैया समेत पिक्चर गैलरी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। हर शुक्रवार को बड़े इमामबाड़े की आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की जाती है। इसमें बड़ी संख्या में नमाजी आते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मौलाना कल्बे जवाद ने आसिफी मस्जिद में होने वाली जुमे की नमाज को स्थागित कर दिया है। साथ ही मौलाना कल्बे जवाद ने बताया कि वरिष्ठ धर्मगुरुओं समेत डॉक्टरों ने भीड़ से दूर रहने की अपील की है। मौलाना ने कहा कि हमें सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। नरही स्थित मस्जिद नूर महल में भी जुमे की नमाज स्थगित रहेगी।
शहर में यहां होती है बड़ी नमाजें
शुक्रवार को शहर की चार मस्जिदों में बड़ी नमाजें जुमा होती है। इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग जमा होते हैं। इनमें आसिफी मस्जिद , ऐशबाग ईदगाह, शाहमीना शाह व टीले वाली मस्जिद शामिल है। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली पहले ही लोगों से बड़ी मस्जिदों के बजाए अपने मोहल्ले की मस्जिदों में नमाज अदा करने की अपील कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने जुमे की नमाज में बच्चों को न ले जाने की हिदायत भी लोगों को दी हैं।