नई दिल्ली: साल 2021 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने पहले मिशन में बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारत का राकेट आज श्रीहरिकोट अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना हो गया है। यह भारत के इसरो का 2021 में पहला सफल प्रक्षेपण है। इस रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर से प्रक्षेपित करने का समय सुबह 10 बजकर 24 मिनट था।
Primary satellite #Amazonia1 successfully separated from #PSLVC51. Join us again at 1210 hrs IST for witnessing the separation of co-passenger satellites
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चेन्नई के श्रीहरिकोटा से उड़ान
बता दें कि पीएसएलवी-सी51/ अमेजोनिया-1 मिशन के लिए उल्टी गिनती शनिवार सुबह आठ बजकर 54 मिनट पर शुरू हो गई थी। इसरो ने एक बयान में कहा कि पीएसएलवी का 53वां मिशन है। इस रॉकेट की मदद से ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह के साथ 18 अन्य उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। इस रॉकेट को चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज इंडिया के सतीश धवन एसएटी शामिल है।
रॉकेट पैनल पर मोदी की तस्वीर
बता दें कि इस रॉकेट के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाई गई है। रॉकेट पर लगाई गई मोदी की तस्वीर पर जानकारी देते हुए एसकेआई ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर पहल औऱ अंतरिक्ष निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के क्रम में लगाई गई है। इसके अलावा एसकेआई एसडी कार्ड में भगवद गीता भी भेज रहा है।
पीएसएलवी-सी51/ अमेजोनिया-1 मिशन की ये है विस्तृत जानकारी
बता दें कि पीएसएलवी ( पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) सी51/ अमेजोनिया-1 एनएसआईएल का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है जिसके प्रक्षेपण अमेरिका के सिएटल की उपग्रह राइडशेयर एवं मिशन प्रबंधन प्रदाता स्पेसप्लाइट इंक के वाणिज्य प्रबंधन के तहत किया जा रहा है।
देश का इस मिशन का बेसब्री से इंतजार
एनएसआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जी नारायण ने बताया कि हम प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हमारे लिए ब्राजील निर्मित पहला उपग्रह प्रक्षेपित करना गर्व की बात है। 637 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है जिसे भारत से प्रक्षेपित किया जाएगा। अमेजोनिया-1 के बारे में इसरो ने बयान में बताया कि यह उपग्रह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संंवेदी आंकड़े मुहैय्या कराएगा और मौजूदा ढ़ांचे को और मजबूत बनाएगा।