मॉस्को। दक्षिण कोरिया के प्योंगयांग में अगले साल होने वाले विंटर ओलंपिक में रूस के शामिल होने पर प्रतिबंध लग गया है। अतंर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने रूस के खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट में पोजिटिव पाए जाने को लेकर ये प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, संघ ने इसी के साथ रूस के एथलीट को इस प्रतिबंध से छूट दी है, लेकिन इन खिलाड़ियों को रूसी झंडे और राष्ट्रगान के बजाए संघ के झंडे तले खेल में हिस्सा लेना होगा। प्योंगयांग में होने वाले इन ओलंपिक मैचों में रूस के खिलाड़ियों को ये साबित करना होगा कि वो डोपिंग में शमिल नही हैं।
आपको बता दें कि साल 2014 में सोची ओलंपिक की मेजबानी रूस ने की थी उस दौरान उसके एथलीट्स के प्रयोजित डोपिंग में शामिल होने की शिकायते सामने आई थी, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने ये फैसला लिया है। वहीं दूसरी तरफ ये माना जा रहा है कि रूस संघ के इस फैसले का विरोध कर सकता है क्योंकि खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसको लेकर पहले ही कह चुके हैं कि खिलाड़ियों के लिए बिना रूस के झंडे के अोलंपिक में हिस्सा लेना शर्मनाक करने वाला है।
इस प्रतिबंध को लेकर संघ के प्रमुख का कहना है कि बहिष्कार जैसे कोई बात नहीं आने चाहिए क्योंकि हमने डोपिंग में शामिल न रहने वाले खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का मौका दिया है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया में अगले साल 9 फ़रवरी को विंटर ओलंपिक का आयोजन होना है, ऐसे में प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख देश इसमें बाहर रहेगा।रूस की सरकार अपने खिलाड़ियों पर लगे आरोपों का लगातार खंडन करती आई है. इसके बावजूद जांच में पाया गया था कि रूस के डोपिंग विरोधी क़ानूनों के साथ जानबूझ कर खिलवाड़ करने के सबूत मिले हैं। इससे यह बात और भी पुख्ता हो जाती है कि सोची विंटर ओलंपिक के रन-अप में हुई धोखाधड़ी में सरकार शामिल थी।