बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में रिंग बांध टूटते ही 12 गांव जलमग्न हो गए। सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। लेकिन बांध टूटने के बाद जिले में 296 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इनमें 188 गांव टापू बन गए हैं। बाढ़ से लगभग 2 लाख 80 हजार 640 लोग प्रभावित हुए है। 34 राहत शिविरों मे करीब 3400 लोग शरण लिए हुए हैं।
बांध के टूटने की सूचना मिलते ही दूबेछपरा पहुंचे समाज कल्याण मंत्री रामगोविंद चौधरी ने स्थलीय निरीक्षण कर डीएम-एसपी के साथ ही अन्य उपस्थित लोगों से कहा कि आपदा की इस घड़ी में आपसी सामंजस्य बनाकर बाढ़ पीड़ितों का सहयोग करना सबकी बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में सारे भेदभाव, मनमुटाव भुलाकर हम सभी को प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे अपने भाइयों की मदद करनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर से यदि सहयोग करना सुनिश्चित करें तो निश्चित ही पीड़ितों की व्यथा को कम किया जा सकता है। मौके पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों से उन्होंने कहा कि यह आपके लिए परीक्षा की घड़ी है।
मंत्री ने कहा कि पीड़ितों के सहयोग में कोई कमी न रह जाए, इसका विशेष ध्यान आप लोगों को रखना होगा। हो सकता है, इस दरम्यान विरोध का भी सामना करना पड़े, लेकिन पूरे संयम और धैर्य के साथ हमारा एक सूत्री कार्यक्रम है इनकी अधिकाधिक मदद करना। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार इनके साथ खड़ी है। पीड़ितों के पुनर्वास, भोजन, पानी, स्वास्थ्य, रौशनी के लिए किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो, इसका सदैव ख्याल रखें।