तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार गठन का एलान किया और बताया कि अफ़ग़ानिस्तान अब ‘इस्लामिक अमीरात’ है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद सरकार के मुखिया यानी प्रधानमंत्री होंगे और मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे। बरादर तालिबान के सह संस्थापक हैं।
तीन सप्ताह बाद किया गठन
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के तीन सप्ताह के बाद वहां अंतरिम सरकार का गठन हो गया है और यह देश अब आधिकारिक तौर ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ बन गया है।
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद बने प्रधानमंत्री
तालिबान की अंतरिम सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। पिछले दो दशकों से शूरा का नेतृत्व कर रहे हैं। मुल्ला हसन अखुंद तालिबान की पिछली सरकार में भी गवर्नर और मंत्री रह चुके हैं।
Taliban cabinet, key positions:
Mullah Yacoob – Minister of Defence
Siraj Haqqani – Minister of Interior
Mullah Hassan Akhund – head of council of ministers (I believe – need to double check translation)
— Secunder Kermani (@SecKermani) September 7, 2021
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तालिबान के सर्वाेच्च नेता मुल्ला हबीबुल्लाह अखुंदजादा सरकार के संरक्षक होंगे और राजनीतिक, धार्मिक व सुरक्षा मामलों में उनका फैसला अंतिम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान ने सरकार का यह मॉडल ईरान से लिया है। ईरान में भी एक सर्वाेच्च नेता होता है और पूरी सरकार का नियंत्रण उसके हाथों में ही होता है। सर्वाेच्च नेता के तहत ही राष्ट्रपति सरकार चलाता है।
अब्दुल गनी बरादर बन उप प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री अखुंद और उप प्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर समेत अंतरिम सरकार के 33 मंत्रियों में से ज्यादातर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधितों की लिस्ट में शामिल हैं।
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी बना गृह मंत्री
अब्दुल गनी बरादर के अलावा मुल्ला अब्दुल सलाम हनफी को भी उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है। तालिबान की सरकार में आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री यानी गृह मंत्री बनाया गया है। हक्कानी अमेरिकी एजेंसी FBI की मोस्ट वॉन्टेड अतंकियों की लिस्ट में शामिल है और उसके सिर पर एक अरब अमेरिकी डॉलर का इनाम भी है।