featured दुनिया बिज़नेस भारत खबर विशेष

महंगे क्रूड से मिलेगी राहत, DOLLAR के मुकाबले RUPEE की ताकत बढ़ेगी, घटेगा आयात बिल

घटे पेट्रोल के दाम

यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और पश्चिमी देशों की पाबंदियों से जूझ रहा रूस क्रूड ऑयल के लिए नए ग्राहक तलाश रहा है।

 

यह भी पढ़े

उधम सिंह नगर: होली के त्यौहार पर बाजार हुए गुलजार, अबीर गुलाल और पिचकारियों की बढ़ी मांग

 

वहीं अपनी सहूलियत और जरूरत के हिसाब से भारत ऐसे करार की ओर बढ़ रहा है । जिससे न केवल महंगे क्रूड के बोझ से राहत मिले बल्कि रुपए की कीमत भी बढ़े। इन सब वजहों से भारत रूस की क्रूड डील लेने के करीब है। इसमें शिपिंग और इंश्योरेंस की जिम्मेदारी रूस उठाएगा।

सौदा भारतीय रुपए और रूसी रूबल में करने पर बात

अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली तक रूस की पहुंच रुकने से सौदा भारतीय रुपए और रूसी रूबल में करने पर बात हो रही है। भुगतान ऐसे भारतीय बैंकों से हो सकता है जिनकी पश्चिमी देशों में ब्रांच न हो। ऐसा हुआ तो पेट्रो मार्केट में डॉलर का एकाधिकार टूटेगा। चीन भी सऊदी अरब से अपनी मुद्रा युआन में क्रूड खरीदने की बातचीत के अंतिम दौर में है। दरअसल, महंगे क्रूड से दुनियाभर में महंगाई का संकट है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने का दबाव होगा कम

सस्ता क्रूड आता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने का दबाव कम होगा। भारत अपनी जरूरत का 85% तेल आयात करता है। इसका 2-3% रूस से आता है। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत रूस से क्रूड लेता है तो उसे आपत्ति नहीं है।  क्योंकि इससे किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं होता।

इंडियन ऑयल ने 30 लाख बैरल क्रूड खरीदा

देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल ने रूस से 30 लाख बैरल क्रूड की खरीदी रियायती कीमतों पर की है। सूत्रों ने बताया कि एक ट्रेडर के माध्यम से 20-25 डॉलर की छूट पर ब्रेंट क्रूड का सौदा हुआ है।

आई.सी.जे. ने रूस से तुरंत हमला रोकने को कहा

संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने रूस से यूक्रेन पर सैनिक कार्रवाई तुरंत रोकने को कहा है। साथ ही उससे यह भी कहा गया है कि उससे समर्थन प्राप्त या नियंत्रित कोई भी सैनिक या असैनिक संगठन या व्यक्ति इस सैनिक कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ाएगा।

मौका मिल रहा है तो फायदा उठाना चाहिए

कमोडिटी एक्सपर्ट जय प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि अगर रूस छूट के साथ शिपिंग और बीमा खर्च उठा रहा है तो भारत को मौके का फायदा उठाना चाहिए। 20% डिस्काउंट भी मिलता है तो यह दिसंबर की क्रूड कीमत के बराबर होगा। रूस अगर अच्छी क्वालिटी का क्रूड देता है तो आयात तीन अरब डॉलर से बढ़ाकर 10 अरब डॉलर तक किया जा सकता है।

आयात की औसत लागत घटेगी

इससे क्रूड आयात की औसत लागत घटेगी और कुछ महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम न बढ़ाने से कंपनियों पर बना दबाव कम होगा। चूंकि सौदा डॉलर में नहीं होगा, इसलिए डॉलर पर हमारी निर्भरता में कमी आएगी और रुपए के मूल्य में इजाफा होगा। आयात बिल कम होगा।

सौदे में अभी भी कई चुनौतियां

ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा कहते हैं कि इस सौदे में अभी भी कई चुनौतियां हैं। जैसे- रूस हमें किस रूट से क्रूड भेजेगा। रुपए-रुबल में लेनदेन का प्रोटोकॉल क्या होगा? रूस भले बीमा देने की बात कह रहा है। लेकिन यह अधिकांश पश्चिमी देशों के हाथ में है। ऐसे में यह देखना होगा कि रूस की यह पेशकश कितनी व्यावहारिक है।

36 लाख टन क्रूड रूस से आया

भारत ने अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच कुल 17.6 करोड़ टन क्रूड का आयात किया था। इसमें से 36 लाख टन क्रूड रूस से आया। फिलहाल रूस से 35 लाख बैरल क्रूड खरीदने की बात चल रही है। आगे इसकी मात्रा और बढ़ाई जा सकती है।

युद्ध के 21वें दिन रूस और यूक्रेन में समझौते के संकेत मिले हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, यूक्रेन के तटस्थ दर्जे पर विचार कर रहे हंै। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वाेल्दोमिर जेलेंक्सी ने कहा, अब रूस से ‘असल’ बात हो रही है।

Related posts

एटीएस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, आईएसआई एजेंट गिरफ्तार

bharatkhabar

खेले के मैदान में भारत को लगा अब तक का सबसे बड़ा झटका, चैंपियनशिप की मेजबानी से धोए हाथ..

Mamta Gautam

मन की बातःतकनीक का बेहतर उपयोग कर रहे हैं युवा- प्रधानमंत्री

mahesh yadav