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विपक्ष का ‘प्‍लान’, क्या इमरान होंगे बोल्ड, रनआउट या मिल जाएगा जीवनदान?

imran khan विपक्ष का 'प्‍लान', क्या इमरान होंगे बोल्ड, रनआउट या मिल जाएगा जीवनदान?

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान सरकार को हटाने की मुहिम में जुटा संयुक्त विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट पी.डी.एम.प्रस्ताव विफल हो जाने की स्थिति में प्रधानमंत्री के खिलाफ राजनीतिक हमले जारी रखने के लिए विभिन्न रणनीतियां बना रहा है।

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सूत्रों का कहना है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव का शुरुआती प्लान-ए विफल हो जाता है। तब की स्थिति में पीडीएम अलग-अलग विकल्प, यानी प्लान-बी और सी के जरिए सरकार को घेरेगा।

विपक्ष का क्या है प्‍लान ए.बी.और सी?

प्लान-ए के अनुसार, विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव पारित करने पर जोर दे रहे हैं, जो 25 मार्च को नेशनल असेंबली में पेश किया जाना है। विपक्षी गठबंधन ने 172 से अधिक वोट हासिल करने का दावा किया है। क्योंकि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के लगभग दो दर्जन सहयोगियों ने इमरान खान के खिलाफ मतदान करने का संकल्प लेते हुए दलबदल कर विपक्षी गठबंधन में शामिल हो गए हैं।

प्लान-ए के फेल होने पर प्लान-बी करेगा काम

अगर प्लान-ए विफल हो जाता है और सरकार अविश्वास प्रस्ताव को हरा देती है। तब विपक्षी दल प्लान-बी को अमल में लाते हुए इमरान खान को तुरंत संसद से विश्वास मत हासिल करने की मांग करेंगे। विपक्षी दल दलबदल करने वाले सदस्यों और अन्य लोगों के साथ फिर से जुड़ने के लिए समय का सदुपयोग करेंगे और इमरान खान के खिलाफ वोट हासिल करने में उनका समर्थन हासिल करने का प्रयास करेंगे।

प्लान-ए और बी.के फेल होने पर काम करेगा सी.प्लान

इसके अलावा, अगर प्लान-ए और बी, दोनों विफल हो जाते हैं, तब विपक्ष प्लान-सी को अमल में लाते हुए संसद की कार्यवाही को सर्वोच्च न्यायालय या चुनाव आयोग में चुनौती देगा। कार्यवाही की कानूनी स्थिति को संयुक्त राष्ट्र में भी चुनौती दी जाएगी।

कैसे निपटेंगे इमरान खान

विपक्षी दलों की जोरदार बल्‍लेबाजी से इमरान खान की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। इससे निपटने के लिए अब इमरान खान अब कई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।

आइए समझते हैं पूरा खेल

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्रिकेट की पिच पर कई बार धुरंधर बल्‍लेबाजों को बोल्‍ड कर चुके है। लेकिन अब सियासत के मैदान में उनके बोल्‍ड होने का खतरा मंडरा रहा है। इमरान खान ने अब अपनी कुर्सी को बचाने के लिए आक्रामक अभियान शुरू कर दिया है।

इमरान को न केवल विपक्ष बल्कि अपनों से खतरा

इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 24 से ज्‍यादा सांसद विद्रोह कर चुके हैं। उधर, विपक्षी दल पाकिस्‍तान डेमोक्रेटिक एलायंस के नाम से एकजुट हो चुका है ताकि इमरान खान सरकार को उखाड़ फेका जा सके। इमरान खान अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर मतदान से ठीक पहले जनता के मूड को अपने पक्ष में करने के लिए पूरे देश में जोरदार जलसे कर रहे हैं। इस दौरान वह न केवल विपक्षी गठबंधन पर हमले कर रहे हैं, वहीं अपने बागी सांसदों को मनाने की भी कोशिश कर रहे हैं। इमरान खान विपक्षी दलों को परिणाम भुगतने की धमकी भी दे चुके हैं।

दलबदल का मुकाबला करने के लिए कोर्ट पहुंची सरकार

इस बीच अब कुर्सी को बचाने के लिए इमरान खान ने सेना से मदद नहीं मिलने पर अब नया दांव चला है। इस बीच पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 25 मार्च को पेश किए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रेसिडेंशियल रेफरेंस दिया है। जिसमें उसके पार्टी सदस्यों के खिलाफ उठाए जा सकने वाले कदमों और कार्रवाई पर स्पष्टता की मांग की गई है। जो इसके खिलाफ मतदान कर सकते हैं।

सरकार ने उठाए चार मुख्य सवाल

पाकिस्तान सरकार ने चार मुख्य सवाल उठाए हैं। जिसमें पार्टी के एक सदस्य की अयोग्यता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट से सुझाव और स्पष्टता की मांग की गई है। राजनीति में चल रहे दल-बदल और खरीद-फरोख्त की प्रथा पर रेफरेंस यानी संदर्भ में कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी राजनीति में स्थिरता हासिल करने में विफल रहा है। रेफरेंस में कहा गया है, ‘निर्वाचित सदस्यों के दलबदल में कई दोष होते हैं। सबसे पहले  यदि सदस्य किसी घोषणापत्र के आधार पर, या किसी राजनीतिक दल से संबद्धता के कारण, या सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर अपने विशेष रुख के कारण चुना गया है। तो क्या निर्वाचक मंडल द्वारा दलबदल उसके प्रति स्पष्ट रूप से विश्वास का उल्लंघन है।

3 संघीय मंत्रियों सहित 33 सदस्यों ने सत्तारूढ़ दल छोड़ा

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। क्योंकि सत्ताधारी पीटीआई के करीब दो दर्जन असंतुष्ट एमएलए उनके खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।

इमरान खान ये जानते हैं कि वोटिंग में सरकार का गिरना तय है ।लेकिन फिर भी पाकिस्तान में मचे सियासी घमासान के बीच इमरान ने अपनी सरकार बचाने के लिए आखिरी दांव चल दिया है। इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से खरीद फरोख्त में शामिल बागी सांसदों के वोट न गिनने की अपील की है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद-63 का हवाला दिया गया है।

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