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IMRAN को बड़ा झटका, उन्हें अकेला छोड़, 50 पाकिस्‍तानी मंत्री ‘लापता’

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इमरान खान सरकार को अपने ही दगा देने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। विपक्ष की ओर से पेश किए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव के बीच संघीय और प्रांतीय सरकारों के 50 मंत्री ‘लापता’ हो गए हैं।

 

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माना जा रहा है कि सेना के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद ये मंत्री अभी अपने पत्‍ते नहीं खोल रहे हैं।

 

इमरान के मंत्री छोड़ रहे उनका साथ

पाकिस्‍तान में सरकार बचाने के लिए जद्दोजहज कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए न केवल सहयोगी दल समस्‍या बने हुए हैं बल्कि खुद उनके मंत्री भी अब संकट की इस घड़ी में उनका साथ नहीं दे रहे हैं।

अविश्‍वास प्रस्‍ताव की घड़ी आ रही करीब

इमरान खान के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव की घड़ी करीब आ रही है । वहीं सत्‍तारूढ़ पार्टी PTI से जुड़े 50 मंत्री अब राजनीतिक मोर्चे से ‘लापता’ हो गए हैं। ये सभी मंत्री इमरान खान की कैबिनेट और पीटीआई की प्रांतीय सरकारों से जुड़े हुए हैं।

50 मंत्री अब राजनीतिक मोर्चे से लापता

पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक 50 संघीय और प्रांतीय विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने के बाद से दिखाई नहीं दिए हैं। इनमें से 25 संघीय, प्रांतीय सरकारों के सलाहकार और विशेष सहायक हैं। इसके अलावा 4 राज्‍य मंत्री और 4 सलाहकार हैं। यह ताजा घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब सत्‍तारूढ़ पार्टी के कई मंत्रियों ने चुप्‍पी साध रखी है जिससे अटकलों का बाजार गरम हो गया है।

नेशनल असेंबली का सत्र 28 मार्च तक के लिए स्थगित

माना जा रहा है कि ये पाकिस्‍तानी मंत्री अपने पत्‍ते खोलने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कई ऐसे मंत्री हैं जो खुलकर इमरान खान का समर्थन कर रहे हैं और उनका पक्ष लगातार रख रहे हैं। इनमें विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, रक्षा मंत्री परवेज खटक और गृहमंत्री शेख रशीद शामिल हैं। इस बीच पाकिस्तान नेशनल असेंबली का बहुप्रतीक्षित सत्र 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

संसदीय परंपराओं का हवाला देकर सत्र स्थगित

नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने संसदीय परंपराओं का हवाला देते हुए सत्र को 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। कैसर ने शुक्रवार के सत्र को स्थगित करने की घोषणा करने से पहले कहा, ‘इससे पहले, साथी सांसदों के निधन के कारण नेशनल असेंबली को सत्र 24 बार स्थगित हो चुका है।

विपक्ष ने पेश किया था अविश्‍वास प्रस्‍ताव

विपक्ष ने 8 मार्च को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और नेशनल असेंबली सत्र बुलाने के लिए अनुच्छेद 54 (3) के अनुसार 14 दिन की संवैधानिक समय सीमा 21 मार्च को समाप्त हो गई थी।

प्रस्ताव के अनुसार, ‘इस सदन का विचार है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अधिकांश सदस्यों का विश्वास खो दिया है, इसलिए उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।’

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