तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन कर दिया है। तालिबान की इस सरकार की कमा उन लोगों के हाथों में है जिनपर अमेरिका में करोड़ों का ईनाम घोषित है। अब ऐसे में अमेरिका की चिंता भी बढ़ गई है।
नई तालिबान सरकार से अमेरिका की बढ़ी चिंता
तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से ही अमन और शांति की बात कह रहा है। लेकिन ताबिलान की अफगानिस्तान में सरकार गठन के बाद ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है। तालिबान ने सत्ता की बागडोर आतंकवादियों के हाथो में दे रखी है। ऐसे आतंकवादी जिनपर करोड़ों के ईनाम घोषित है। अफ़ग़ानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक़्क़ानी पर तो अमेरिका ने 50 लाख डॉलर के ईनाम तक की घोषणा कर रखी थी। तो चलिए जानते हैं कि तालिबान की सरकार से अमेरिका क्यों चिंतित है और क्यों इसपर अमेरिका की ओर से क्या बयान दिया गया है।
सरकार में शामिल लोगों के अतीत को देखकर चिंतित- अमेरिका
तालिबान की नई सरकार को लेकर अमेरिका कितना चिंतित है इसका अंदाजा अमेरिकी विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान से लगाया जा सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने तालिबान की सरकार बनने का बाद अपने बयान में कहा है कि वो सरकार में शामिल कई लोगों के अतीत को देखते हुए चिंतित हैं। अमेरिका तालिबान की कथनी और करनी में फ़र्क़ के आधार पर फ़ैसला करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि तालिबान ये सुनिश्चित करे कि उसकी ज़मीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर हमले के लिए नहीं होगा।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जताई चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपित जो बाइडन का बयान भी ये बताने के लिए काफी है कि वो इसको लेकर कितने चिंतित हैं। मंगलवार को जो बाइडन ने कहा कि चीन तालिबान के साथ एक व्यवस्था बनाने की कोशिश ज़रूर करेगा। तालिबान में अफ़ग़ानिस्तान में नई सराकर की कमान जिन हाथों में दी है वो अमेरिकी सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। इस सरकार में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें या तो संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है या जो अमेरिका के लिए मोस्ट वॉन्टेड हैं। अफ़ग़ानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक़्क़ानी भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
तालिबानी सरकार ठगों और कसाइयों का झुंड- लिंडसे ग्राहम
एक ओर जहां राष्ट्रपति जो बाइडेन इसको लेकर चिंता जता रहे हैं तो दूसरी ओर अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने तालिबान की केयरटेकर सरकार को ठगों और कसाइयों का झुंड कहा है। रिपब्लिकन पार्टी के सीनियर सांसदों में लिंडसे उन कइयों में से एक हैं, जो अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के फ़ैसले के लिए राष्ट्रपति बाइडन की खुलकर आलोचना कर रहे हैं।