तिनसुकिया में सेना और उल्फा के उग्रवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों पक्षों की ओर से पिछले 28 घंटों से गोलीबारी जारी है।
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हालांकि घटनास्थल पर बड़ी संख्या में उग्रवादियों के छिपे होने की आशंका है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस को उग्रवादियों के छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। सर्च ऑपरेशन के लिए पहुंचे सुरक्षाबलों पर उग्रवादियों ने गोली चलानी शुरू कर दी। जिसका जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। पिछले 28 घंटे से दोनों तरफ से रूक – रूक कर फायरिंग हो रही है। कयास लगाए जा रहें हैं कि उग्रवादियों के पास भारी मात्रा में हथियार मौजूद है। असम का तिनसुकिया जिला उग्रवादी गतिविधियों को लेकर हमेशा से संवेदनशील रहा है।
आपको बता दें कि इससे पहले इसी साल जुलाई में तिनसुकिया जिले के काकोपथार के माजगांव में सुरक्षा बलों और उल्फा के उग्रवादियों बीच मुठभेड़ हुआ था। जिसमें एक उग्रवारी मारा गया था। इस दौरान सेना की गोली से दो और उग्रवादी घायल हुए थे लेकिन वे मौके से फरार होने में कामयाब रहे। दरअसल, पुलिस को एक गांव में कुछ उग्रवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची असम रेजीमेंट और पुलिस की संयुक्त टीम पर उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद किया था, जिसे छोड़कर उग्रवाद भाग गए थे।
जानिए क्या है उल्फा
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम यानि उल्फा एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है। जिसकी स्थापना 1979 परेश बरूआ ने की थी। इसका मकसद सशस्त्र संघर्ष के जरिए असम को भारत से अलग कर एक संप्रभु और स्वायत्त राज्य बनाना था। बाद के दिनों में इसी संगठन से टूटकर एक अलग संगठन उल्फा (आई) बना। जिसने अब तक असम में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है।