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चीन ने लद्दाख सीमा पर खूना झड़प के बाद भारत के 2 मेजर समेत 10 सैनिकों को रिहा किया

indian army चीन ने लद्दाख सीमा पर खूना झड़प के बाद भारत के 2 मेजर समेत 10 सैनिकों को रिहा किया

लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद चीन सेना ने भारत के 10 सैनिकों को बंधक बना लिया था।

नई दिल्ली। लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद चीन सेना ने भारत के 10 सैनिकों को बंधक बना लिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीनी सेना ने 2 मेजर समेत 10 भारतीय सैनिक को बंधक बना लिया था। अब उन सैनिकों को तीन दिन की बातचीत के बाद रिहा किया गया है। हालांकि सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं सेना ने गुरूवार को कहा था कि इस कार्रवाई में कोई भी सैनिक लापता नहीं है और न ही किसr सैनिक को बंधक बनाया गया है। लेकिन पीटीआई के मुताबिक 2 मेजर समेत 10 जवानों को बंधक बनाया था। अब तीन दिन बाद रिहा किया गया है।

बता दें कि इससे पहले जुलाई 1962 में चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया था। गलवान घाटी में युद्ध के दौरान 20 मैदान करीब 20 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद कई जवानों को चीनी सैनिकों ने पकड़ लिया था। जिन्हे बाद अब रिहा किया गया है। चीनी सेना के साथ झड़प में भारत रे 76 जवान शहीद हो गए थे। जिसमें 18 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जबकि 58 जवानों को मामूली चोट लगी थी। वहीं लेह के अस्पाल में 18 जवानों का इलाज कराया जा रहा है। जबकि 58 अन्य विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है।

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वहीं इस घटना को लेकर लगातार तीन दिन बातचीत हुई। जिसमें खूनी झड़प के साथ-साथ गलवान के आस-पास इलाकों में शांति बनाए रखने को लेकर भी बात हुई। भारत और चीन की सेना एक दूसरे के 5 मई से आमने-सामने डटी हुई है। 5 मई को चीन की सेना ने भारत की सीमा पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। उसके बाद भारत ने फैसला लिया था कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के जितने भी विवाद वाले इलाके हैं वहां से चीनी सेना को हटाने के लिए भारत को अपनी सेना सीमा पर बढ़नी पड़ेगी और कड़े कदम उठाने पड़ेंगे।

इसके लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई, जो बेनतीजा रही। 15 जून की रात को भारतीय सेना का एक दल गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 पर चीनी सेना से बात करने गया था। इस दौरान घात लगाकर बैठे चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना के दल पर हमला कर दिया। इस खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद गए, जबकि चीन को भी भारी नुकसान हुआ था।

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