लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक तरफ एंबुलेंस चालक लगातार हड़ताल कर रहे हैं। दूसरी ओर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में एंबुलेंस संचालन को लेकर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए। दरअसल सेवा प्रदाता कंपनी और प्राइवेट ठेका पर एंबुलेंस चालक लगातार अपना विरोध जाहिर कर रहे थे। इसी क्रम में वह हड़ताल पर उतर आए।
यूपी सरकार की तरफ से फिर जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए। गुरुवार से ही एंबुलेंस चालकों की भर्ती भी शुरू हो जाएगी और सभी जनपदों में एंबुलेंस संचालन सही तरीके से शुरू करने की बात भी सीएम की तरफ से कही गई। जिला अधिकारी को निर्देश दिया गया कि अपने जनपद में मरीजों की आवश्यकता के अनुसार एंबुलेंस की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए।
हमने कहा कि जिले के अंदर किसी भी पीड़ित व्यक्ति या मरीज को कोई भी समस्या नहीं होनी चाहिए। यह जिलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि एंबुलेंस का संचालन सही तरीके से होता रहे। अगर इसमें कोई भी लापरवाही सामने आती है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पिछले 5 दिनों से एंबुलेंस कर्मचारी उत्तर प्रदेश में हड़ताल पर हैं। लखनऊ में उनका प्रदर्शन जारी है, सभी प्रदर्शनकारियों को लखनऊ के इको गार्डन भेज दिया गया। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर सेवा प्रदाता कंपनी की तरफ से भी एक्शन लिया गया। कई कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया।
खबरों के अनुसार अभी तक 711 कर्मियों को उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। एंबुलेंस हड़ताल से अस्पताल जाने वाले मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसीलिए सीएम योगी की तरफ से अब जिला अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। नए चालकों की भर्ती करने और एंबुलेंस के लगातार संचालन पर जोर देने की बात कही है।
यूपी के कई जिले ऐसे हैं, जहां अभी भी एंबुलेंस कर्मचारियों ने पूरी तरह से चक्का जाम कर रखा है। विशेषकर पूर्वांचल में ऐसा देखने को मिल रहा है, जबकि दूसरी तरफ जीवीके कंपनी की तरफ से बताया गया कि फाइनल अल्टीमेटम देने के बाद कई कर्मचारी काम पर वापस लौट रहे हैं। जिन्होंने अनुशासनहीनता की है, उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया गया है। नए कर्मचारियों की भर्ती भी जारी है। जल्द ही संचालन पहले जैसे शुरू कर दिया जाएगा।